दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के स्कूलों को निर्देश दिया है कि वह अपनी कैंटीनों में उन खाद्य पदार्थों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के बारे में विचार करें जिनमें वसा, शर्करा और लवण की मात्रा अधिक है और छात्रों को इसके बुरे प्रभाव के बारे में जागरूक करें।
प्रधानमंत्री जनधन योजना को दुनिया का सबसे सफलतम वित्तीय समावेश कार्यक्रम बताते हुए राष्टपति प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को कहा कि योजना के तहत 21 करोड़ खाते खोले गये जिनमें 32,000 करोड़ रुपये की राशि जमा है।
थोक मूल्य मुद्रास्फीति में चार महीने से चल रहा तेजी का सिलसिला जनवरी में टूट गया और इस महीने यह घटकर शून्य से 0.9 प्रतिशत नीचे रही। खाद्य उत्पादों, मुख्य तौर पर सब्जियों और दलहन के सस्ते होने से जनवरी में थोक मुद्रास्फीति नरम पड़ी है।
उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून को लागू न करने को लेकर कुछ राज्यों को आज फटकार लगाते हुए कहा कि संसद द्वारा पारित कानून को आखिर गुजरात जैसा राज्य क्यों कार्यान्वित नहीं कर रहा है।
केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री और हाजीपुर से सांसद रामविलास पासवान का नववर्ष का ग्रीटिग कार्ड नहीं पहुंचाने के मामले में तीन डाककर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
‘पंजाब में आम आदमी पार्टी कांग्रेस की बी टीम है। दोनों पार्टियां मिलकर अकाली दल के मूल वोटबैंक में सेंध लगा रही हैं। दोनों ही राज्य में राष्ट्र विरोधी पार्टी के तौर पर काम कर रही हैं।‘ यह कहना है केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री और शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर का। आउटलुक हिंदी से बातचीत में उन्होंने यह बातें कहीं। गौरतलब है कि हरसिमरत कौर पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की बहू और उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की पत्नी हैं। पंजाब में वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव होने हैं और बीते दिनों राजनीतिक तौर पर भी पंजाब सुर्खियों में रहा है। इसी संदर्भ में हरसिमरत कौर का कहना है कि चुनावों के मद्देनजर अकाली दल को बदनाम करने की साजिशें रची जा रही हैं।
भारत नैरोबी में चल रही विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की मंत्रिस्तरीय बैठक में कृषि व्यापार संबंधी मसौदे को लेकर संभवत: अपना विरोध दर्ज कराएगा। इस मसौदे में गरीब किसानों को संरक्षण तथा खाद्य सुरक्षा के उद्देश्य से सार्वजनिक भंडारण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दाें का स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं है।
धान की सरकारी खरीद और मिलिंग में भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां पकड़ी हैं। कैग की रिपोर्ट बताती है कि कैसे धान खरीद की सरकारी प्रणाली राइस मिलों के अनुचित लाभ का जरिया बन गई है। इन कमियों को दूर करने के साथ-साथ कैग ने सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य का भुगतान सीधे किसानों के खातों में करने की सिफारिश की है।