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Search Result : "खेती संकट"

हरितक्रान्ति की विधवाएं

हरितक्रान्ति की विधवाएं

हरितक्रान्ति के गवाह पंजाब में बैसाखी के बाद किसान ढोल-नगाड़े तो अब वैसे भी नहीं बजाते। लेकिन कृषि प्रधान देश के लिए यह बात शर्म की है कि इस मौके पर आत्महत्या करने वाले किसानों की विधवाएं अपने हक के लिए चौखट से बाहर निकल सडक़ों पर आ गई हों। खेतों से मंडियों में पहुंचे गेंहू के सुनहरे दाने और इन दिनों रोपे जा रही धान की पौध इन्हें खुश नहीं कर रहीं। इनके हमनिवाज कर्ज के चलते आत्महत्या कर चुका है, जमीन इनके पास है नहीं, कर्जा जस के तस है, बैंक और आढ़ती इन्हें जलील करने से बाज नहीं आ रहे, जमींदारों के घरों का गोबर उठाकर बच्चे पाल रही हैं या लोगों के फटे लीड़े सिलती हैं ये।
सुरक्षा पर मूंदी आंख

सुरक्षा पर मूंदी आंख

संवेदनशील रक्षा सामग्री का उत्पादन करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की पूर्व कंपनी भारत एल्युमिनियम कंपनी लि. (बालको) को पूरी तरह से एक विदेशी कंपनी वेदांता के हाथों में देने की तैयारी चल रही है।
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