फेसबुक, टि्वटर, यू-ट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर चरमपंथी ताकतों की बढ़ती पहुंच से सरकार में खतरे की घंटी बज गई है। ऐसे में सरकार ने इससे निबटने की तैयार भी आरंभ कर दी है।
अफगानिस्तान में सोमवार को एक के बाद एक हुए कई बम धमाकों में 14 नेपाली सुरक्षाकर्मियों सहित 23 लोगों की मौत हो गई। अमेरिका द्वारा चरमपंथियों पर हमला करने अमेरिकी सेना के अधिकार बढ़ाए जाने के कुछ ही दिनों बाद ये हमले हुए हैं।
बांग्लादेश में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के तीन संदिग्ध हमलावरों ने धारदार हथियारों से एक 70 वर्षीय हिंदू पुजारी की हत्या कर दी। मुस्लिम बहुल इस देश में अल्पसंख्यकों तथा धर्मनिरपेक्ष कार्यकर्ताओं पर मुस्लिम चरमपंथियों के सिलसिलेवार हमलों की यह ताजा घटना है और इस साल यह दूसरे पुजारी की हत्या है।
अमेरिका में मुस्लिमों का प्रवेश अस्थायी तौर पर प्रतिबंधित करने की बात कह चारों ओर से आलोचना का सामना करने वाले डोनाल्ड ट्रंप अब अपने कट्टर रूख में कुछ नरमी लाते दिखाई पड़ रहे हैं। उन्होंने कहा है कि उनका बयान समस्या को निपटा लिए जाने तक के लिए महज एक सुझाव ही था।
पाकिस्तान में शिया समुदाय को निशाना बनाकर की जाने वाली हिंसा और नफरत के खिलाफ पुरजोर आवाज बुलंद करने वाले प्रमुख मानवाधिकार कार्यकर्ता खुर्रम जकी और उनके मित्र की तालिबानी चरमपंथियों ने गोली मारकर हत्या कर दी।
एक अंतरराष्ट्रीय संगठन के सर्वेक्षण के अनुसार पाकिस्तान की आम जनता तालिबान और दूसरे अन्य आतंकवादी संगठनों के बड़े विरोधी हैं। सर्वेक्षण में यह बात भी सामने आई है कि वहां की आम अवाम चरमपंथ से सरकार के संघर्ष की हिमायत करती है।
अमेरिका के एक शीर्ष विश्वविद्यालय ने संकाय सदस्यों और छात्रों द्वारा अनुदानकर्ताओं पर चरमपंथी विचारधारा का होने और दक्षिण चरमपंथी विचारधारा से प्रेरित होने का आरोप लगाए जाने के बाद हिन्दू और भारत अध्ययन केन्द्र बनाने के लिए मिली 30 लाख डॉलर की अनुदान राशि वापस कर दी है।
इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में आज कई जगह विस्फोट और गोलीबारी में चार संदिग्ध हमलावरों समेत छह लोगों की मौत हो गई। मुख्य हमला जकार्ता की थामरिन स्ट्रीट में हुआ। इस जगह के आसपास कई बड़े शॉपिंग सेंटर, संयुक्त राष्ट्र का दफ्तर और कई दूतावास हैं। पुलिस के मुताबिक़, हमले में चार संदिग्ध हमलावरों समेत छह लोग मारे गए हैं।
भारत के परमाणु कार्यक्रमों के खिलाफ परमाणु रिएक्टर के खराब डिजाइन और खराब सुरक्षा तंत्र के गंभीर आरोप लगे हैं। लेकिन परमाणु ऊर्जा आयोग के प्रमुख शेखर बसु ने यह कहते हुए इन आरोपों को नकार दिया कि यह देश के विकास को रोकने या विलंबित करने का 'सोचा-समझा एजेंडा' है।