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एडमिरल रामदास ने उठाए 'आप' पर सवाल

एडमिरल रामदास ने उठाए 'आप' पर सवाल

आम आदमी पार्टी द्वारा नये लोकपाल को नियुक्त करने के कुछ ही दिन बाद पूर्व नौसेना प्रमुख रामदास ने इस फैसले पर सवाल उठाते हुए दावा किया कि इस पद पर उनका कार्यकाल नवंबर 2016 में समाप्त होना था।
भाजपा के नाम पर केजरीवाल कराते थे फोनः गर्ग

भाजपा के नाम पर केजरीवाल कराते थे फोनः गर्ग

पिछले साल जब अरविंद केजरीवाल ने 49 दिनों की सरकार के बाद मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया था, उसके बाद से वह लगातार आरोप लगाते थे कि भाजपा उनकी पार्टी के विधायकों को तोड़ने के लिए करोड़ों रुपये का लालच दे रही है। अब उनके ही पूर्व विधायक राजेश गर्ग ने आरोप लगाया है कि भाजपा को समर्थन के बदले उन्हें और कई अन्य नेताओं को करोड़ों रुपये देने की पेशकश करने वाली फोन कॉल अरविंद केजरीवाल की सहमति से की गई थी।
आप नेताओं का निष्कासन डराने वाला: शिवसेना

आप नेताओं का निष्कासन डराने वाला: शिवसेना

प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव के आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निष्कासन को डरावना करार देते हुए शिवसेना ने कहा है कि कुछ मामलों में पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल का विरोध करना दोनों को भारी पड़ गया।
मालदीव: पूर्व राष्ट्रपति नशीद पर एक और प्रहार

मालदीव: पूर्व राष्ट्रपति नशीद पर एक और प्रहार

मालदीव के कैद पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद पर एक और प्रहार करते हुए सरकार ने कैदियों को पार्टी की सदस्यता से प्रतिबंधित करने वाले एक नये कानून के तहत उनकी सदस्यता आज छीन ली।
कहां गया तीसरा मोर्चा

कहां गया तीसरा मोर्चा

समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल यूनाइटेड आदि दलों द्वारा तीसरा मोर्चा गठन की कवायद ने सियासी सरगर्मी मचा दिया था। लेकिन अचानक तीसरा मोर्चा की चर्चा ही बंद हो गयी।
नेटवर्किंग साइट्स पर 'आप' की चर्चा

नेटवर्किंग साइट्स पर 'आप' की चर्चा

कई दिनों से सोशल नटवर्किंग साइट्स पर आम आदमी पार्टी चर्चा का विषय बनी हुई है। हाल ही में एक अखबार ने दावा किया कि अमेठी में चुनाव प्रचार के दौरान आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास महिला वालंटियर के साथ हमबिस्तर होते थे। उस वक्त इससे संबंधित जानकारी अरविंद केजरीवाल को ईमेल भी की गई थी। तमाम तरह के विवाद सोशल मीडिया की नजर से -
अब क्या करेंगे योगेंद्र-प्रशांत

अब क्या करेंगे योगेंद्र-प्रशांत

आम आदमी पार्टी यानी आप की राजनीतिक मामलों की कमेटी और राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकाले जाने के बाद योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण, प्रो. आनंद कुमार और प्रो. अजीत झा क्या करेंगे? क्या वे चुपचाप पार्टी से बाहर हो जाएंगे या अपने समर्थकों को लेकर नई पार्टी बनाएंगे? आम आदमी पार्टी को कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के विकल्प के तौर पर देखने वालों के सर पर आजकल ये सवाल बेताल की तरह नाच रहे हैं।
आम आदमी के सपनों में दफन पार्टी

आम आदमी के सपनों में दफन पार्टी

नव संवत्सर आत्महत्या की अजीब प्रवृत्तियों के लपेटे में दिख रहा है। फ्रांस में एक विमान के जर्मन सह पायलट जैसी भौतिक और भयानक आत्महंता प्रवृत्ति तो इस देश में नहीं दिखी जिसने अपने साथ-साथ 150 लोगों की जान और हवाई जहाज का विनाश ही कर दिया। लेकिन यहां एक अन्य तरह का राजनीतिक आत्महंता रुझान जरूर दिख रहा है। दिल्ली चुनाव में करारी हार के बाद संसद के महत्वपूर्ण सत्र से राहुल गांधी के अज्ञातवास पलायन और कश्मीर तथा पाकिस्तान के मामले में मोदी सरकार की बेपेंदी के लोटे की तरह लुढ़काऊं नीति के जरिये क्रमश: कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी गिर पड़ने के लिए कुल्हाड़ी तलाशती दिख रही हैं। लेकिन सबसे गजब निकली आम आदमी पार्टी।
बंट गई आम आदमी पार्टी

बंट गई आम आदमी पार्टी

आम आदमी पार्टी आखिर दो गुटों में बंट ही गई। एक गुट मुख्य‍मंत्री अरविंद केजरीवाल के समर्थन में तो दूसरा योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के समर्थन में। दिल्ली में ऐतिहासिक जीत के बाद पहली बार आयोजित राष्ट्रीय परिषद की बैठक में जो हंगामा हुआ उसकी पटकथा पहले से ही तैयार थी।
क्या आप यह कलंक धो पाएगी?

क्या आप यह कलंक धो पाएगी?

आम आदमी पार्टी में यानी आप में जिस तरह जूतम पैजार चल रही है इससे इतना साफ हो जाता है कि पार्टी नेतृत्व किसी भी तरह की आलोचना सुनने के लिए तैयार नहीं है। पार्टी के संस्थापक सदस्य प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव, आनंद कुमार और अजीत झा को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकाला जा चुका है। पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल और उनके गुट की निरंकुशता के किस्से मीडिया में आम हैं।
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