प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कराची में शिया इस्माइली समुदाय को निशाना बनाकर किए गए हमले की निंदा की है और कहा है कि दुख की इस घड़ी में भारत पाकिस्तान की जनता के साथ दृढ़तापूर्वक खड़ा है।
केंद्र सरकार ने नौ राज्यों में जाटों को आरक्षण का लाभ दिए जाने की अधिसूचना निरस्त करने के फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि संविधान के तहत उसे अन्य पिछड़े वर्गों की केंद्रीय सूची में शामिल करने का अधिकार है। सरकार का यह कहना है कि आरक्षण प्रदान करने का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 16(4) से प्राप्त होता है।
भारतीय जनता पार्टी की सांसद किरण खेर लेस्बियन गे बाइसेक्चुअल ट्रांसजेंडर समुदाय के पक्ष में राय कायम करने के लिए काम करने का फैसला लिया है। किरण का मानना है कि समाज को इन लोगों के प्रति नजरिया बदलना चाहिए
भारतीय जनता पार्टी अब जाट आरक्षण के मुददे पर दुविधा में दिखाई पड़ रही है। भले ही भाजपा यह कह रही हो कि जाट आरक्षण निरस्त करने के फैसले पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है। लेकिन पार्टी के ही कुछ सांसद जाटों को आरक्षण दिए जाने का विरोध कर रहे हैं।
नौ राज्यों में जाट समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग की केन्द्रीय सूची में शामिल कर उन्हें आरक्षण का लाभ देने संबंधी संप्रग सरकार की 2014 की अधिसूचना निरस्त करने के शीर्ष अदालत के निर्णय पर पुनर्विचार के लिये केन्द्र ने याचिका दायर की है।
पिछले दो महीने में दो अलग-अलग न्यायालयों ने आरक्षण को लेकर एक ही बात कही है। दोनों ही बार कोर्ट ने आरक्षण नीति जारी रखने को उचित कहा है लेकिन यह भी कहा है कि आरक्षण नीति में बदलाव, बल्कि इस पर सतत चिंतन की जरूरत है। यह राजनीतिक तौर पर संवेदनशील मसला तो है लेकिन इस पर जो राजनीति होती रही है, उससे नीति का मकसद पूरा नहीं हो रहा है। वैसे, राजनीतिक दल इसे लेकर रोटी सेंकने की जब भी कोशिश करते हैं, उनके हाथ में फफोले ही पड़े हैं। यह तो सब जानते ही हैं कि मंडल आयोग की सिफारिशें लागू करने वाली वीपी सिंह सरकार लौटकर सत्ता में नहीं आई।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि जाटों के आरक्षण संबंधी मामले में हल खोजा जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरूवार को कहा कि जाटों के आरक्षण को समाप्त करने संबंधी उच्चतम न्यायालय के निर्णय का उनकी सरकार अध्ययन कर रही है और कानूनी ढांचे के तहत इसका समाधान खोजने की कोशिश की जाएगी।
देशभर में ईसाईयों के खिलाफ हो रहे हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। इसी कड़ी में राजस्थान के आदिवासी इलाकों में हर दिन ईसाईयों के खिलाफ कुछ न कुछ घटनाएं सामने आ रही हैं। नागरिक अधिकार संगठन पीयूसीएल की हाल ही में आई रिर्पोट के अनुसार उदयपुर जिले मे ईसाईयों के खिलाफ गंभीर मामले सामने आए हैं। इन्हें इनके पूजा करने के संवैधानिक अधिकार तक से वंचित किया जा रहा है। आदिवासी ईसाईयों को भयभीत किया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में जाटों को दिए जाने वाले आरक्षण को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने केंद्र सरकार की उस अधिसूचना को गलत करार दिया है जिसमें नौ राज्यों में जाटों को ओबीसी के तहत आरक्षण दिया गया है।