सीबीआई ने आईपीएस अफसर डीके रवि की मौत के मामले में राज्य का आग्रह ठुकराते हुए कहा है कि, जांच में राज्य शर्तें नहीं लगा सकती न ही वह जांच की कोई समय सीमा निर्धारित कर सकता है।
कर्नाटक सरकार ने आईएएस ऑफिसर डी.के. रवि की मौत का मामला सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है। सोमवार को मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने राज्य विधानसभा में यह घोषणा की। विपक्षी दल और रवि के परिवार के लोग शुरू से ही मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग कर रहे थे जबकि सरकार ऐसा नहीं चाहती थी।
कर्नाटक के आइएएस अधिकारी डीके रवि की मौत की सीबीआइ से जांच कराने की मांग आज संसद के दोनों सदनों में उठने पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से ऐसा कहे जाने पर केंद्र तुरंत इसका आदेश देगा।
बेंगलूरू में आइएएस अफसर डीके रवि की मौत ने कई सवाल पैदा किये हैं। रवि की छवि एक ईमानदारी अधिकारी की थी। उनकी सख्ती की वजह से रेता और खनन माफिया के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई थीं। माना जा रहा है कि उनकी हत्या के पीछे भी माफिया का हाथ है।
इससे पहले भी उत्तर प्रदेश के मंजूनाथ और नरेंद्र कुमार सिंह समेत देश के कई राज्यों में ईमानदार अफसर अपनी जान गंवा चुके हैं। कुछ को अपनी ईमानदारी की वजह से दूसरी मुश्किलें झेलनी पड़ती हैं।
जिस तरह से भारत में भ्रष्टाचार संस्थागत रूप लेता जा रहा है इसने ईमानदार और उसूल वाले लोगों का जीना दूभर कर दिया है।
कर्नाटक में आइएएस अफसर डीके रवि की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत की वजह से विधानसभा में हंगामा रहा। भारत जनता पार्टी ने रवि की मौत के लिए राज्य की कांग्रेस सरकार को घेरने की कोशिश की है। भाजपा का कहना है कि राज्य सरकार ईमानदार अफसरों की रक्षा नहीं कर पा रही है।