दालों की बढ़ती महंगाई को देखते हुए केंद्र सरकार ने दालों के आयात का फैसला किया है जबकि चीनी मिलों को 6 हजार करोड़ रुपये के ब्याज मुक्त कर्ज दिया जाएगा। इससे पहले भी केंद्र और राज्य सरकारें चीनी मिलों को कई राहत पैकेज दे चुकी हैं। इसके बावजूद गन्ना किसानों को करीब 21 हजार करोड़ रुपये का भुगतान चीनी मिलों के पास अटका हुआ है।
कुपोषित बच्चों को आईसीडीएस योजना के तहत अंडा दिए जाने पर विवाद जारी है। मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान अंडा दिए जाने के विवाद से जुड़े सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि ‘अंडा दिए जाने की जरूरत नहीं है क्योंकि हमें एक दिन में चार से छह फीसदी प्रोटीन चाहिए होता है जो कि एक रोटी और दाल से मिल जाता है। बशर्ते वह साफ-सुथरा हो। ’
मौसम विभाग के अनुमानों पर पानी फेरता हुए मानसून पिछले हफ्ते भर से श्रीलंका के आसपास ठहरा हुआ है। मौसम विभाग ने अब 4 जून तक मानसून के केरल तट पर पहुंचने की उम्मीद जताई है।
मोदी सरकार के एक साल के दौरान विभिन्न महानगरों में दालों के दाम 64 फीसदी तक बढ़ चुके हैं। महंगाई से राहत के तमाम दावों के बावजूद आम आदमी पर महंगाई की मार बदस्तूर जारी है।
नेपाल और उत्तर भारत के कई शहरों में आज फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। करीब 7.3 तीव्रता के इस भूकंप का केंद्र नेपाल-चीन सीमा के पास था। हालिया झटकोंं के बाद नेपाल में 42 और भारत में 18 लोग मारे गए हैं। भारत में सबसे ज्यादा नुकसान बिहार में हुआ है।
करीब दो महीने की छुट्टियों के बाद लौटे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी आज सुबह पैदल चढ़ाई कर केदारनाथ पहुंचे। सुबह 8.50 बजे ही केदारनाथ मंदिर के कपाट खोले गए। इसके कुछ ही देर बाद राहुल ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किए। करीब 16 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर केदारनाथ पहुंचे राहुल गांधी ने कहा कि वह सिर्फ भगवान के दर्शन करने के लिए आए हैं, उन्होंने कुछ मांगा नहीं है। यहां आने पर उन्हें बहुत अलौकिक अनुभूति हुई है, जो हमेशा याद रहेगी। राहुल ने कहा कि वह जब किसी मंदिर में जाते हैं तो कुछ मांगते नहीं हैं।
नई दिल्ली। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की मार झेल रहे किसानों पर इस साल दोहरी मार पड़ने जा रही है। मौसम विभाग का अनुमान है कि इस साल मानसून सामान्य से 7 फीसदी कम रहेगा। मानसून पर अल नीनो का खतरा मंडरा रहा है, जिसके चलते बारिश का इंतजार लंबा खिंच सकता है। गौरतलब है कि पिछले साल भी मानसून सीजन (जून-सितंबर) के दौरान देश में सामान्य से 12 फीसदी कम बारिश हुई थी। गौरतलब है कि भारत में 70 फीसदी बारिश मानसून सीजन के दौरान पड़ती है।