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आवरण कथाः उच्च शिक्षा की साख पर खतरा

आवरण कथाः उच्च शिक्षा की साख पर खतरा

हाल ही में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश में उच्च शिक्षा के गिरते स्तर को लेकर चिंता प्रकट की मगर साथ ही साथ उन्होंने इस बात पर संतोष भी जताया कि निजी शिक्षा के क्षेत्र में फैलाव से उच्च शिक्षा तक छात्रों की पहुंच बढ़ गई है। आंकड़े दिखाते हैं कि राष्ट्रपति की दोनों ही बातों में दम है। वर्तमान में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में 60 फीसदी छात्र निजी संस्थानों से हैं। निजी शिक्षा के प्रसार ने ऊंची शिक्षा तक पहुंच को बढ़ा दिया है लेकिन समय-समय पर सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठते रहे हैं। संसद की एक समिति ने भी उच्च शिक्षा की दशा पर सवाल उठाए हैं और इसे दुरुस्त करने की सिफारिश की है। हालांकि शिक्षा को लेकर सरकार कितनी गंभीर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साल 2014-15 के बजट में शिक्षा के बजट को 83 हजार करोड़ रुपये से घटाकर 69 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया और इससे अगले साल के बजट में भी इसमें बढ़ोतरी नहीं की गई।
गलतफहमी फैलाने के लिए जुकरबर्ग को भी 'किसान' ही मिला!

गलतफहमी फैलाने के लिए जुकरबर्ग को भी 'किसान' ही मिला!

भूखमरी और कंगाली के बीच खुदकुशी को मजबूर भारतीय किसानों की दस्‍तान पुरानी पड़ चुकी है। अब नई तस्‍वीर देखिए। देश के प्रमुख अखबारों के पहले पन्‍नों पर सपरिवार मुस्‍कुराता किसान। हाव-भाव से गरीब लेकिन चेहरे पर 'खुशहाल किसान' वाली चिर-परिचित स्‍माइल। बच्‍चा नंगे पांव लेकिन मुस्‍कान भरपूर। ये फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग का किसान है जो कृषि संकट भूल नेट निरपेक्षता की बहस को निपटज्ञने का मोहरा बन गया है। ये काम भारत का किसान ही कर सकता है।
आईआईएफटी प्रवेश परीक्षा में कैसे पाएं सफलता

आईआईएफटी प्रवेश परीक्षा में कैसे पाएं सफलता

22 नवंबर को होने जा रही आईआईएफटी (इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ फॉरेन ट्रेड) की प्रवेश परीक्षा में हजारों अभ्यर्थी भाग लेने जा रहे हैं लेकिन सबसे बड़ी कठिनाई कट-ऑफ लिस्ट को लेकर होती है। पिछले तीन साल के दौरान कट-ऑफ 48 से 36 के बीच रही है। ऐसे में छात्रों के सामने सबसे मुश्किल होता है कि अगर कट-ऑफ निकाल भी लिया तो अगले चरण में कैसे सफल हो यह मुश्किल हो जाता है।
स्‍मृति ईरानी से वार्ता बेनतीजा, #OccupyUGC मुहिम जारी

स्‍मृति ईरानी से वार्ता बेनतीजा, #OccupyUGC मुहिम जारी

नॉन-नेट फेलोशिप बंद करने के प्रस्ताव के खिलाफ पिछले 17 दिनों से दिन-रात डटे छात्रों की मुहिम आखिरकार रंग लाई। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्‍मृति ईरानी को छात्रों से बात करने के लिए खुद मंत्रालय से बाहर आना पड़ा। हालांकि, छात्र प्रतिनिधियों के साथ ईरानी की वार्ता बेनतीजा रही लेकिन इससे #OccupyUGC मुहिम हौसला जरूर बढ़ा है।
जारी रहेगी नॉन-नेट फेलोशिप! लेकिन मिलेगी किसे?

जारी रहेगी नॉन-नेट फेलोशिप! लेकिन मिलेगी किसे?

छात्रों के विरोध के चलते केंद्र सरकार को यूजीसी की नॉन-नेट फेलोशिप जारी रखने का ऐलान करना पड़ा है। लेकिन असल सवाल है कि यह फेलोशिप मिलेगी किसे? केंद्र सरकार आर्थिक या मेरिट के आधार पर फेलोशिप देने की तैयारी कर रही है। असली विवाद इसी को लेकर है। यही वजह है कि आज भी सैकड़ों छात्र यूजीसी मुख्‍यालय पर विरोध-प्रदर्शन करने के लिए जुटे।
इस साल 51% उम्‍मीदवारों ने छोड़ी सिविल सेवा परीक्षा

इस साल 51% उम्‍मीदवारों ने छोड़ी सिविल सेवा परीक्षा

देश की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में शुमार यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में ज्‍यादातार उम्‍मीदवार इम्तिहान में बैठे बिना ही दौड़ से बाहर हो जाते हैं। इस साल करीब 51 फीसदी उम्‍मीदवार आवेदन करने के बावजूद परीक्षा में शामिल नहीं हुए। इस तरह ज्‍यादातर उम्‍मीदवारों का प्रशासनिक सेवा में जाने का सपना सिर्फ फार्म भरने तक सीमित रह गया।
उत्तर प्रदेश पंचायत चुनावः  समाजवादी पार्टी की कठिन परीक्षा

उत्तर प्रदेश पंचायत चुनावः समाजवादी पार्टी की कठिन परीक्षा

उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव समाजवादी पार्टी के लिए कठिन परीक्षा वाला चुनाव साबित होने जा रहा है। राज्य में चार चरणों में मतदान होना है और पहले चरण का मतदान 9 अक्टूबर को हो रहा है। जबकि दूसरा चरण 13, तीसरा 17 और चौथे चरण का मतदान 29 अक्टूबर को होगा। जबकि मतगणना एक नवंबर को होगी।
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