आउटलुक को बताइए अपनी राय, आखिर हादसों के वक्त ही क्यों याद आता है आपदा प्रबंधन? अनियोजित विकास की भेंट चढ़ चुके दिल्ली जैसे शहरों में भूकंप के तगड़े झटके आए तो किसे दोषी ठहराएंगे हम?
भू-वैज्ञानिकों का मानना है कि जिन आंतरिक प्रक्रियाओं से पृथ्वी का निर्माण हुआ है, वहीं भूकंप का कारण हैं। भूकंप सदियों से आ रहे हैं और आगे भी आते रहेंगे। इसकी भविष्यवाणी संभव नहीं है। हमें भूकंप के साथ जीना सीखना होगा।
भारत ने रविवार को कहा कि वह भूकंप से आहत नेपाल के लोगों के आंसू पोंछने की कोशिश करेगा और इस आपदा की घड़ी में उनकी हरसंभव सहायता के लिए उनके साथ खड़ा रहेगा।
नेपाल में भूकंप के लगातार घटके कहर बरपा रहे हैं। अब तक चार हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। रविवार और सोमवार को आए भूकंप के ताजा झटकों के बाद बारिश, बर्फबारी और भू-स्खलन ने राहत और बचाव कार्यों में रूकावट पैदा कर दी है। सरकार व्यवस्थाएं पूरी तरह ध्वस्त हैं। लोग खाने-पीने और इलाज के लिए तरस रहे हैं। दहशत के साये में लाखों लोग सड़कों और खुली जगहों पर रात बिताने को मजबूर हैं। चारों तरह मातम और मलबा बिखरा है। भूकंप ने पूरे नेपाल को हिलाकर रख दिया है। लोग मदद के लिए तरस रहे हैं।
काठमांडू घाटी और उसके आसपास के इलाकों में आए नेपाल के सबसे भयंकर भूकंप में एेतिहासिक काष्ठमंडप समेत कई मंदिर ध्वस्त हो गए या बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। काष्ठमंडप, पंचतले मंदिर, नौ मंजिला बसंतपुर दरबार, दशावतार मंदिर और कृष्णा मंदिर समेत कई मंदिर भूकंप से ध्वस्त हो गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल सहित देश के कुछ हिस्सों में भूकंप से मची तबाही के मद्देनजर राहत व बचाव के कामों का जायजा लिया। आपदा प्रभावित नेपाल की मदद के लिए आॅपरेशन मैत्री तेज करते हुए भारत ने रविवार को दो दर्जन से ज्यादा विमानों और हेलीकाॅप्टरों को तैनात किया है। सड़क मार्ग से बड़े पैमाने पर लोगों को निकाला जा रहा है। वायुसेना और एनडीआरएफ के कई दल नेपाल पहुंचकर राहत व बचाव के कामों में जुट गए हैं।
महाराष्ट्र और तेलंगाना के करीब 125 लोग भी भूकंप के बाद नेपाल में फंसे हुए हैं। दिल्ली स्थित महाराष्ट्र सूचना केंद्र के अधिकारियों के अनुसार नासिक से करीब 80 लोग तीर्थयात्राा के लिए नेपाल गए थे जबकि 15-20 लोग टैकिंग अभियान पर थे।
नेपाल में आए शक्तिशाली भूकंप ने पूरे उत्तर भारत और हिमालय क्षेत्र को हिलाकर रख दिया है। नेपाल में आज सुबह दोबारा भूकंप के झटके महसूस किए गए। वहां आई भीषण तबाही में मारने वालों का आंकड़ा 1900 तक पहुच गया है। भारत में 60 से ज्यादा लोग मारे गए है। भूकंप का असर पकिस्तान, चीन और बांग्लादेश तक रहा है। शुरू में में भूकंप की तीव्रता 7.5 आंकी गई थी जिसे बाद में 7.9 बताया गया है।
एवरेस्ट बेस कैंप में भूकंप के बाद हुए भयंकर भू-स्खलन में 18 पर्वतारोही मारे गए जबकि कई अभी लापता है। भारतीय सेना वहां से 13 शव निकाल चुकी है। सभी विदेशी पर्वतारोही हैं।