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Search Result : "पार्टी वरिष्‍ठ"

नेटवर्किंग साइट्स पर 'आप' की चर्चा

नेटवर्किंग साइट्स पर 'आप' की चर्चा

कई दिनों से सोशल नटवर्किंग साइट्स पर आम आदमी पार्टी चर्चा का विषय बनी हुई है। हाल ही में एक अखबार ने दावा किया कि अमेठी में चुनाव प्रचार के दौरान आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास महिला वालंटियर के साथ हमबिस्तर होते थे। उस वक्त इससे संबंधित जानकारी अरविंद केजरीवाल को ईमेल भी की गई थी। तमाम तरह के विवाद सोशल मीडिया की नजर से -
अब क्या करेंगे योगेंद्र-प्रशांत

अब क्या करेंगे योगेंद्र-प्रशांत

आम आदमी पार्टी यानी आप की राजनीतिक मामलों की कमेटी और राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकाले जाने के बाद योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण, प्रो. आनंद कुमार और प्रो. अजीत झा क्या करेंगे? क्या वे चुपचाप पार्टी से बाहर हो जाएंगे या अपने समर्थकों को लेकर नई पार्टी बनाएंगे? आम आदमी पार्टी को कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के विकल्प के तौर पर देखने वालों के सर पर आजकल ये सवाल बेताल की तरह नाच रहे हैं।
आम आदमी के सपनों में दफन पार्टी

आम आदमी के सपनों में दफन पार्टी

नव संवत्सर आत्महत्या की अजीब प्रवृत्तियों के लपेटे में दिख रहा है। फ्रांस में एक विमान के जर्मन सह पायलट जैसी भौतिक और भयानक आत्महंता प्रवृत्ति तो इस देश में नहीं दिखी जिसने अपने साथ-साथ 150 लोगों की जान और हवाई जहाज का विनाश ही कर दिया। लेकिन यहां एक अन्य तरह का राजनीतिक आत्महंता रुझान जरूर दिख रहा है। दिल्ली चुनाव में करारी हार के बाद संसद के महत्वपूर्ण सत्र से राहुल गांधी के अज्ञातवास पलायन और कश्मीर तथा पाकिस्तान के मामले में मोदी सरकार की बेपेंदी के लोटे की तरह लुढ़काऊं नीति के जरिये क्रमश: कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी गिर पड़ने के लिए कुल्हाड़ी तलाशती दिख रही हैं। लेकिन सबसे गजब निकली आम आदमी पार्टी।
बंट गई आम आदमी पार्टी

बंट गई आम आदमी पार्टी

आम आदमी पार्टी आखिर दो गुटों में बंट ही गई। एक गुट मुख्य‍मंत्री अरविंद केजरीवाल के समर्थन में तो दूसरा योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के समर्थन में। दिल्ली में ऐतिहासिक जीत के बाद पहली बार आयोजित राष्ट्रीय परिषद की बैठक में जो हंगामा हुआ उसकी पटकथा पहले से ही तैयार थी।
क्या आप यह कलंक धो पाएगी?

क्या आप यह कलंक धो पाएगी?

आम आदमी पार्टी में यानी आप में जिस तरह जूतम पैजार चल रही है इससे इतना साफ हो जाता है कि पार्टी नेतृत्व किसी भी तरह की आलोचना सुनने के लिए तैयार नहीं है। पार्टी के संस्थापक सदस्य प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव, आनंद कुमार और अजीत झा को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकाला जा चुका है। पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल और उनके गुट की निरंकुशता के किस्से मीडिया में आम हैं।
केजरीवाल का एक और स्टिंग

केजरीवाल का एक और स्टिंग

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कथित तौर पर एक और नया स्टिंग सामने आया है। जिसमें केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के नेता प्रोफेसर आनंद कुमार और अजीत झा को गालियां दी हैं। इससे जाहिर हो रहा है कि आम आदमी पार्टी में झगड़ा और बढ़ता जा रहा है। केजरीवाल ने इस बातचीत में पार्टी के नेताओं को लात मारकर बाहर निकालने की बात भी कर रहे हैं।
राजनीति की नर्सरी है छात्र राजनीति

राजनीति की नर्सरी है छात्र राजनीति

समाजवादी छात्र सभा केे निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह यादव का मानना है कि छात्र राजनीति से ही राजनीति की शुरुआत होती है। अगर राजनीति के क्षेत्र में युवा जाना चाहते हैं तो छात्र राजनीति से इसकी शुरुआत करनी चाहिए। छात्र राजनीति से अपने राजनीतिक कॅरियर की शुरुआत करने वाले सुनील आज के युवाओं को राजनीति से जुड़ने का आह्वान भी करते हैं। लोकतंत्र में छात्र राजनीति को अहम मानने वाले सुनील सिंह यादव से आउटलुक ने बातचीत की। पेश है प्रमुख अंश-
पुलिस ने मांगी भारती के खिलाफ मुकदमे की इजाजत

पुलिस ने मांगी भारती के खिलाफ मुकदमे की इजाजत

दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को यहां एक अदालत से कहा कि पिछले साल सोमनाथ भारती द्वारा आधी रात को मारे गए छापे के दौरान अफ्रीकी महिलाओं के साथ हुई कथित छेड़खानी के मामले में आप नेता के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए वह प्राथमिकता के आधार पर सक्षम अधिकारी से मंजूरी लेने का प्रयास कर रही है।
इस्तीफा दिया नहीं, फिर भी स्वीकार

इस्तीफा दिया नहीं, फिर भी स्वीकार

आम आदमी पार्टी में योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण के इस्तीफे को लेकर घमासान मच गया है। आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह के मुताबिक दोनों नेताओं का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है जबकि योगेन्द्र और प्रशांत का कहना है कि उन्होने इस्तीफा नहीं दिया है।
वीके सिंह का गुस्सा मोदी को महंगा पड़ेगा

वीके सिंह का गुस्सा मोदी को महंगा पड़ेगा

पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस पर आयोजित पार्टी में पहुंचे केंद्रीय मंत्री रिटायर्ड जनरल वीके सिंह ने ट्वीट के जरिए जो गुस्सा निकाला वह मीडिया के लिए नहीं बल्कि नरेंद्र मोदी की सरकार पर भी है। क्योंकि वीके सिंह को ऐसे समय में उस कार्यक्रम में जाने के लिए कहा गया जिसके लिए वह तैयार नहीं थे और मीडिया में सरकार की जगह सिंह की किरकिरी हुई।
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