मथुरा के जवाहर बाग पर दो साल से सत्याग्रह के नाम पर कब्जा जमाने वाले रामवृक्ष यादव का जब असली चेहरा सामने आया तो उसके साथ रहने वाले भी अब कहते हैं कि नहीं जानते।
करीब तीन महीने पहले जाटों के हिंसक आंदोलन में 30 लोगों की मौत के बाद रविवार को जाट नेताओं ने कड़ी सुरक्षा के बीच एक बार फिर से हरियाणा में अपना प्रदर्शन शुरू कर दिया। फिलहाल यह प्रदर्शन छोटी-छोटी बैठकों तक सीमित है।
उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में पुलिस एवं अतिक्रमणकारियों की झड़प वाले जवाहर बाग में स्थिति का जायजा लेने के इरादे से शनिवार सुबह यहां पहुंची सांसद हेमामालिनी को पुलिस ने प्रवेश करने से रोक दिया।
मथुरा स्थित जवाहर बाग खाली कराने पहुंची पुलिस और सत्याग्रहियों के बीच टकराव का मास्टर मांइड रामवृक्ष यादव जिंदा है या मर गया इसको लेकर संदेह बरकरार है। हालांकि सूत्रों का दावा है कि रामवृक्ष जिंदा है और अपने साथियों के साथ मौके से भाग गया।
उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित जवाहर बाग में दो पुलिस अधिकारियों समेत 24 लोगों की मौत के पीछे रामवृक्ष यादव की भूमिका मानी जा रही है जो कि उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के मरदह का रहने वाला है। सत्याग्रह के नाम पर रामवृक्ष ने मथुरा के जवाहर बाग में करीब 280 एकड़ सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा था।
उत्तर प्रदेश के मथुरा में अतिक्रमणरोधी एक अभियान के दौरान हुई हिंसा में शहर पुलिस अधीक्षक तथा एक थाना प्रभारी सहित 21 लोगों की मौत हो गई। हिंसा और गोलीबारी में 40 से अधिक लोग घायल हो गए। हमले में 19 अतिक्रमणकारियों की भी मौत हुई है।
मोहम्मद अखलाक की हत्या के मामले में जिस रिपोर्ट का हवाला देकर ये कहा जा रहा है कि मीट का सैंपल गोमांस था, वो सैंपल अखलाक के घर से नहीं मिला था। मीडिया में छपी रिपोर्ट अनुसार नोएडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक किरन एस ने कहा है कि मथुरा लैब की जिस नई रिपोर्ट की बात की जा रही है, उस रिपोर्ट में जांच का सैंपल मीट अखलाक के घर के पास एक ट्रांसफार्मर के नजदीक मिला था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार किरन एस ने साफ किया है कि सैंपल के गोमांस होने से जांच पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि ये हत्या का मामला है।
केंद्र सरकार ने दिल्ली पुलिस के पूर्व कमिश्नर बीएस बस्सी को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ विवाद करने का ईनाम आखिरकार दे ही दिया। उन्हें संघ लोक सेवा आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया है। बस्सी आम आदमी पार्टी व उसके नेता अरविंद केजरीवाल के हमेशा निशाने पर रहे।
हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा पर गठित की गई कमेटी के अध्यक्ष बीएसएफ के पूर्व डायरेक्टर जनरल प्रकाश सिंह ने अपनी रिपोर्ट में दंगा रोकने में नाकाम राज्य प्रशासन के करीब 80 अधिकारियों का नाम शामिल किया है। इनमें पांच आईएएस तथा पांच आईपीएस अधिकारी भी हैं। सेना की मौजूदगी को गंभीरता से लेते हुए कमेटी ने कहा कि पाकिस्तान के साथ एक छोटे युद़ध में जितनी सेना लगार्इ्र जा सकती है, उतने जवान हरियाणा में उतार दिए गए थे।
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में कुछ दिनों पहले कथित रूप से बलात्कार की शिकार हुई एक मूक-बधिर महिला का पिछले छह दिनों में डाक्टरी परीक्षण केवल इसलिए नहीं किया जा सका क्योंकि सरकारी अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ उपलब्ध नहीं थी।