वाम दलों ने भाजपा..आरएसएस गठजोड़ के कार्पोरेट-सांप्रदायिक अभियान का साथ मिलकर विरोध करने का फैसला किया ताकि आने वाले दिनों में देश भर में एकजुट होकर जन आंदोलन शुरू किए जा सकें।
विचार, कला, लेखन, फिल्म, धर्म, यात्रा, आहार-सब पर पाबंदी यानी पूरा देश ही बन गया पवित्र गौ। यह मत करो, वह मत देखो, यह मत खाओ, वह मत पढ़ो, यह मत पहनो, यहां-वहां मत जाओ, इस तरह की बंदिशें पूरे समाज पर कसी जा रही हैं। महाराष्ट्र की भाजपा सरकार द्वारा गाय को मारने पर प्रतिबंध लगाए जाने और फिल्म इंडियाज डॉटर पर लगी रोक ने देश भर में खलबली पैदा कर दी।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने ग्रीनपीस कार्यकर्ता प्रिया पिल्लै के खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर रद्द कर दिया है। उच्च न्यायालय ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि पिल्लै को 11 जनवरी को लंदन जाने वाली उड़ान से उतारे जाने के समय आव्रजन अधिकारियों द्वारा किए गए अनुमोदनों को निरस्त किया जाए।
लोकतंत्र में आप असहमति की आवाज को दबा नहीं सकते। विकास की नीतियों के बारे में नागरिक अपना अलग-अलग मत रख सकते हैं। यह कहना है दिल्ली हाई कोर्ट का। ग्रीनपीस की प्रिया पिल्लई मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह बात कही। कोर्ट ने प्रिया के खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर को भी वापस लेने को कहा है। साथ ही यह भी आदेश दिया है कि उनके पासपोर्ट पर लिखा गया ऑफलोड शब्द मिटा दिया जाए और किसी भी इंटैलिजेंस डेटाबेस में उनका नाम न रखा जाए।
माकपा के महासचिव प्रकाश कारात ने नरेंद्र मोदी सरकार को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा का संयुक्त उपक्रम करार देते हुए शुक्रवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार कॉरपोरेट जगत और हिंदुत्ववादी ताकतों के हितों के लिए देश में आक्रामक दक्षिणपंथी अभियान चला रही है।
ग्रीन पीस इंडिया की ऐक्टिविस्ट प्रिया पिल्लई ने अदालत में कहा है कि वह सरकार को शपथ पत्र नहीं देंगी। गौरतलब है कि सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा है कि प्रिया पिल्लई के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर वापस ले लिया जाएगा बशर्ते वह एक शपथ पत्र दें कि देश में कथित पर्यावरण मामलों के उल्लंघनों के खिलाफ ब्रिटेन की एक संसदीय समिति के समक्ष गवाही नहीं देंगी। गौरतलब है कि 11 जनवरी को उन्हें आईजीआई हवाई अड्डे पर एक उड़ान से उतार लिया गया था। प्रिया ने आउटलुक की प्रमुख संवाददाता मनीषा भल्ला ने बात की।