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Search Result : "विदेशी गाय"

गृह मंत्रालय  ने रोका फंड, ग्रीनपीस देगा चुनौती

गृह मंत्रालय ने रोका फंड, ग्रीनपीस देगा चुनौती

गृह मंत्रालय द्वारा फिर से विदेशी फंड रोक लगाने को फैसले को ग्रीनपीस कोर्ट में चुनौती देेगा। ग्रीनपीस की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि गृह मंत्रालय ने हाल ही में ग्रीनपीस इंटरनेशनल की तरफ से ग्रीनपीस इंडिया को भेजी गई 1,48,608 यूरो की राशि के इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी है।
विदेशी शासन से बने बैकलाॅग को पूरा करने में जुटा संघ

विदेशी शासन से बने बैकलाॅग को पूरा करने में जुटा संघ

राष्ट्रीय स्वसंसेवक संघ ने कहा कि आजादी के पहले के एक हजार साल के विदेशी शासन के कारण बने बैकलाॅग को अब पूरा करना है और हिन्दू समाज अब अपनी स्वाभाविक शक्ति, मेधा और स्वाभिमान से खड़ा है। संघ की ओर से यह भी कहा गया कि संघ हिन्दू समाज के साथ सभी लोगों की चिंता करेगा।
14 वर्ष में सबसे अधिक निवेश मॉरीशस से

14 वर्ष में सबसे अधिक निवेश मॉरीशस से

पिछले 14 वर्षों के दौरान भारत में हुए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के आंकड़े इन आरोपों को बल प्रदान करते हैं कि मॉरीशस के रास्ते भारत में काला धन सफेद करके वापस लाया जाता है। तभी तो देश में 2000 से 2014 के बीच कुल 238.63 अरब डॉलर के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में 35.38 प्रतिशत योगदान के साथ मॉरीशस सबसे आगे रहा है।
विदेशी विचारधारा ‘गोडसेवाद’ की खूनी आंधी

विदेशी विचारधारा ‘गोडसेवाद’ की खूनी आंधी

महाराष्ट्र में विदेशी विचारधारा ‘गोडसेवाद’ की खूनी आंधी चल रही है। यह पहले ही दो प्रमुख बुद्धिवादियों को मौत के घाट उतार चुकी है: अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष नरेंद्र दाभोलकर और कम्यूनिस्ट नेता गोविंद पानसरे। तीसरी बलि लेने के लिए कसाई गोडसेवाद अब ठीहे पर डॉ. भारत पाटणकर की गर्दन घसीट लाना चाहता है जो महाराष्ट्र के वैकल्पिक सांस्कृतिक संगठन, विद्रोही सम्मेलन और श्रमिक मुक्ति दल के प्रमुख हैं। विद्रोही सम्मेलन की स्थापना महाराष्ट्र के साहित्य सम्मेलन के समानांतर संगठन के बतौर की गई है। पाटणकर की गर्दन के लिए अपने गंड़ासे की धार सान पर चढ़ाए गोडसेवादियों को मुसलमानों के प्रति कथित नरमी के अलावा सबसे ज्यादा एतराज उनके विद्रोही सम्मेलन का नेतृत्व संभालने पर है।
गौ एवं अर्थव्यवस्‍था पर आएगा संकट

गौ एवं अर्थव्यवस्‍था पर आएगा संकट

गौहत्या पर प्रतिबंध गाय के संरक्षण के बजाय उल्टा गौ-अर्थव्यवस्था पर ही भारी पड़ सकता है। गौ मांस पर पाबंदी की बहस में पशुपालन, मीट उद्योग और पाबंदी के कानूनों की आड़ में फलते-फूलते अवैध कारोबार को पूरी तरह नजरअंदाज किया जा रहा है।
पाबंदियों का देश

पाबंदियों का देश

भारत में भारत की बेटियों (इंडियाज डॉटर्स) पर बनी फिल्म देखना चाहे तो नहीं देख सकते, इस पर प्रतिबंध है। महाराष्ट्र में कोई गौ-मांस से बनी कोई डिश खाना चाहे, वह नहीं खा सकता, उसे बेचना चाहे नहीं बेच सकता-इस पर प्रतिबंध है। केरल या गुजरात में शराब का सेवन करना चाहे नहीं कर सकते, इस पर प्रतिबंध है।
हिंदुस्तान या प्रतिबंधस्थान

हिंदुस्तान या प्रतिबंधस्थान

विचार, कला, लेखन, फिल्म, धर्म, यात्रा, आहार-सब पर पाबंदी यानी पूरा देश ही बन गया पवित्र गौ। यह मत करो, वह मत देखो, यह मत खाओ, वह मत पढ़ो, यह मत पहनो, यहां-वहां मत जाओ, इस तरह की बंदिशें पूरे समाज पर कसी जा रही हैं। महाराष्ट्र की भाजपा सरकार द्वारा गाय को मारने पर प्रतिबंध लगाए जाने और फिल्म इंडियाज डॉटर पर लगी रोक ने देश भर में खलबली पैदा कर दी।
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