अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने अनुमान जताया कि 2017-18 के दौरान भूटान की वृद्धि दर 11 प्रतिशत रहेगी क्योंकि देश ने हाल के वर्षों में उल्लेखनीय आर्थिक प्रगति की है।
भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने आज आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकान्त दास पर हमला बोला। जिस पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक अनुशासित सरकारी अधिकारी पर इस तरह के हमले को अनुचित व गलत बताया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकसित देशों से भारत जैसे देशों की वस्तु एवं सेवाओं के लिए बाजार खोलने की अपील की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत 'वृद्धि के एक नए इंजन' के रूप में वैश्विक आर्थिक विकास में योगदान करने को तैयार है। पीएम अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (यूएसआईबीसी) के सालाना समारोह को संबोधित कर रहे थे।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर रघुराम राजन ने मंगलवार को कयासों के अनुकूल मौद्रिक नीति की द्वैमासिक समीक्षा पेश करते हुए ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया। रेपो रेट बिना बदलाव के 6.50 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 6 फीसदी बरकरार रहेगी। आरबीआई ने सीआरआर में कोई बदलाव नहीं किया है और ये 4 फीसदी पर कायम है। एमएसएफ यानी मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी दर भी 7 फीसदी पर बरकरार है।
खुदरा महंगाई बढ़ने के संकेतों के बीच भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन मंगलवार को द्वैमासिक मौद्रिक नीति की समीक्षा में नीतिगत दरों में यथास्थिति बनाए रख सकते हैं। कुछ विशेषज्ञों के अनुसार रिजर्व बैंक ब्याज दर में कटौती की दिशा में कोई अगला कदम बढ़ाने से पहले मानसून की प्रगति का थाह लेना चाहेगा। मानसूनी वर्षा की शुरूआत में इस साल देर हो रही है पर मौसम विभाग और निजी एजेंसियों ने वर्षा सामान्य या उससे ऊपर रहने का अनुमान लगाया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच देशों की अपनी यात्रा के दुसरे पड़ाव कतर में हैं। दोनों प्रमुखों के बीच आधिकारिक मुलाकात में व्यापक मुद्दों पर चर्चा के बाद संबंधों को प्रगाढ़ करने के लिए सात महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। इससे पहले पीएम ने कतर के प्रमुख उद्योगपतियों से मुलकात के दौरान भारत में निवेश के लिए उद्योग जगत का आह्वान किया।
सामाजिक कार्यकर्ता हर्षमंदर की नजर में पीएम नरेंद्र मोदी के दो साल के शासन में देश में काम कम और उसका बखान ज्यादा हुआ है। आईएएस अधिकारी रहे हर्षमंदर ने कहा कि आज के भारत में दो साल पहले के मुकाबले विषमताएं ज्यादा बढ़ी हैं। आर्थिक और सामाजिक अलगाव का यहां अब बोलबाला है।