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Search Result : "Kainchi dham Mandir trust big announcement"

सिंहस्‍थ में संत गरजे, मोदी को छोड़ो हम नौ नवंबर से बनाएंगे राम मंदिर

सिंहस्‍थ में संत गरजे, मोदी को छोड़ो हम नौ नवंबर से बनाएंगे राम मंदिर

धर्मनगरी उज्‍जैन के सिंहस्‍थ कुंभ में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की तिथि तय हो गई है। संतों ने धर्मसंसद में आखिरकार निर्माण पर फैसला कर लिया है। संतों ने गरजते हुए साफ कहा है कि मंदिर निर्माण से मोदी सरकार का कोई लेना देना नहीं है।
राम मंदिर जल्दी न बना तो आंदोलन करेंगे संत

राम मंदिर जल्दी न बना तो आंदोलन करेंगे संत

उज्जैन सिंहस्थ में विश्व हिंदू परिषद के मंडप में बीते दो दिन संतों की बैठक हुई। संत समाज से आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि, जूना अखाड़ा सहित कई महामंडलेश्वर, शंकराचार्य आदि शामिल हुए। बैठक में सभी ने विश्व हिंदू परिषद के महामंत्री चंपत राय से चर्चा की।
देश का नक्‍शा गलत दिखाया तो सात साल की जेल और 100 करोड़ का जुर्माना

देश का नक्‍शा गलत दिखाया तो सात साल की जेल और 100 करोड़ का जुर्माना

गलत नक्‍शा दिखाने वाले हो जाएं सावधान, अगर आप देश का गलत नक्शा दिखाएंगे तो आपको सात साल तक की जेल हो सकती है। 100 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लग सकता है।
जया के जिक्र पर बिग बी बोले, दोस्‍त अमर सिंह कुछ भी कह सकते हैं

जया के जिक्र पर बिग बी बोले, दोस्‍त अमर सिंह कुछ भी कह सकते हैं

बॉलीवुड के मेगास्टार अमिताभ बच्चन ने कहा कि अमर सिंह उनके मित्र हैं और उन्हें कुछ भी कहने का अधिकार है। बिग बी ने कहा कि जया के संबंध में उन्‍होंने जो भी कहा वह कहने का उनको अधिकार है। क्‍योंकि उनको वह अपना खास मित्र मानते हैं।
यहां कुआं जा रहा प्यासों के पास

यहां कुआं जा रहा प्यासों के पास

वह कहावत तो सुनी ही होगी, प्यासे कुएं के पास जाते हैं। लेकिन उज्जैन सिंहस्थ में कुआं प्यासों के पास जा रहा है। एक समूह ऐसा भी है जो खोज-खोज कर लोगों को पिला रहा है पानी।
मंदिर हादसा: प्रबंधन समिति के दो सदस्य गिरफ्तार, पांच ने किया सरेंडर

मंदिर हादसा: प्रबंधन समिति के दो सदस्य गिरफ्तार, पांच ने किया सरेंडर

केरल के कोल्लम स्थित पुत्तिंगल देवी मंदिर की प्रबंधन समिति के पांच फरार सदस्यों ने आज तड़के आत्मसमर्पण कर दिया। दो अन्य को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। राज्य में किसी मंदिर में हुए अब तक के सबसे भयंकर हादसे में 109 लोगों की जान चली गई।
फिर जी उठे बैजू बावरा

फिर जी उठे बैजू बावरा

11वीं सदी के भारत का महत्वपूर्ण व्यापारिक शहर चंदेरी, जो बुंदेलों और मालवा के शासकों द्वारा बनवाया गया। ऐतिहासिक इमारतों और गुप्त, प्रतिहार, गुलाम, तुगलक, खिलजी, अफगान, गौरी, राजपूत और सिंधिया वंश द्वारा शासित रहा चंदेरी अब खास रेशमी के कपड़ों के लिए भी जाना जाता है। इससे इतर अपने कलात्मक इतिहास के कारण चंदेरी कभी सांस्कृतिक नगरी के रूप में भी जाना जाता था।
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