गुजरात में दलित समुदाय पर अत्याचार के विरोध में सूबे के दलित संगठनों ने 1 अक्टूबर को 'रेल रोको' आंदोलन की घोषणा की है। दलितों की सभा में बुधवार रात को यह फैसला किया गया।
देश में दलितों की राजनीति करने वालों को मुंह की खानी पड़ी है। इसी साल जनवरी में हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में आत्महत्या करने वाला 26 वर्षीय रिसर्च स्कॉलर रोहित वेमुला को लेकर नया खुलासा हुआ है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा गठित जांच पैनल के मुताबिक रोहित दलित नहीं था।
दलितों में अत्याचार को लेकर गुजरात में भाजपा के वरिष्ठ नेता और अब पितामह का दर्जा पा चुकेे लालकृष्ण आडवाणी ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात पर भी अपने विचार व्यक्त किए।
उत्तर प्रदेश में अपनी खोई पैैठ बढ़ाने के लिए कांग्रेस हर संभव प्रयास कर रही है। अंबेडकर की विचारधारा को ध्यान में रखते हुए दलित समाज को अपने से जोड़ने के लिए पार्टी ने भीम ज्योति यात्रा का पिछले साल सफल आयोजन किया। अब वह पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर 20 अगस्त को भीम भोज का आयोजन करेगी।
इस बार यूपी चुनाव में सवर्ण बनाम दलित का मुद्दा अहम होने जा रहा है। राज्य में जारी इस मुहिम में बसपा और भाजपा आमने-सामने है। इसी कड़ी में आल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष सांसद असदउद्दीन ओवैसी ने मायावती के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की मंशा व्यक्त की है। ओवैसी ने लखनऊ पहुंंचकर मुसलमानों और दलितों से मुलाकात कर उनके साथ भोजन भी किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दलितों के मुद्दे पर दिए गए बयान पर केंद्रीय राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा है कि इसका बड़ा कारण उत्तरप्रदेश का चुनाव है। विश्व आदिवासी दिवस के कार्यक्रम में हिस्सा लेने रायपुर पहुंचे कुलस्ते ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश चुनाव को देखते हुए पीएम माेदी ने इस तरह का बयान दिया है।
गुजरात में दलितों के खिलाफ अत्याचार बढ़ता ही जा रहा है। राज्य के बंसकअनथा जिले से 27 दलित परिवारों को छुआछूत की वजह से उन्हीं के गांव से निकाले जाने की खबर है। मीडिया के अनुसार ये सभी परिवार अब अपने गांव से 15 किलोमीटर दूर शरणार्थियों की तरह रहने पर मजबूर हैं।
छत्तीसगढ़ के आईएएस अफसर अलेक्स पाॅल मेनन को छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने नोटिस जारी किया है। मेनन अक्सर अपने बयानों और ट्विट के जरिए चर्चा में रहते हैं। उन्होने पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक ट्विट के जरिए भारत की न्याय व्यवस्था पर सवालिया निशान उठाए थे।
गुजरात पुलिस ने कहा है कि राज्य के उना कस्बे में जिस गाय की खाल उतारने को लेकर कथित गोरक्षकों द्वारा दलितों की बर्बर पिटाई की गई थी, उसे शेरों ने मारा था। दलितों की पिटाई की इस घटना की चौतरफा निंदा हुई है। उना तालुक के मोटा समधियाला गांव के निकट दलितों की निर्मम ढंग से पिटाई के मामले की जांच कर रहे सीआईडी-अपराध विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से उनको पता चला है कि गाय को 10 और 11 जुलाई की दरम्यानी रात में शेरों ने मारा था।
गुजरात में गो हत्या पर दलितों की पिटाई का मामला शांत होता नहींं दिख रहा है। ऊना में दलितों की पिटाई के बाद राज्य के बनासकांठा जिले के 15 हजार दलितों ने धर्म बदलने की धमकी दी है। उनका कहना है कि अगर जल्द स्थिति नहीं सुधरी तो वह बौद्ध धर्म को अपना लेंगे।