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जानिए, जीएसटी के बाद होंगे ये दस बड़े बदलाव

जानिए, जीएसटी के बाद होंगे ये दस बड़े बदलाव

लोकसभा में बुधवार को लंबी बहस के बाद आजादी के बाद का सबसे बड़ा आर्थिक सुधार कहा जाने वाला जीएसटी बिल पास हो गया। जीएसटी से जुड़े 4 बिलों सैंट्रल जी.एस.टी., इंटीग्रेटेड जी.एस.टी., यूनियन टैरिटरी जी.एस.टी. और कम्पन्सेशन जी.एस.टी. बिलों को लोकसभा ने सर्वसम्मति से पास कर दिया। 1 अप्रैल की अंतिम समय सीमा करने के बाद 1 जुलाई से देशभर में समान टैक्स प्रणाली लागू होगी। जी.एस.टी. का उद्देश्य पूरे देश में वस्तुओं और सेवाओं की दर को एक समान रखना है।
‘जीएसटी परिषद केंद्र और राज्यों का संतुलित मेलजोल ’

‘जीएसटी परिषद केंद्र और राज्यों का संतुलित मेलजोल ’

केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज लोकसभा में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित चार विधेयक पेश किया। उन्होंने कहा, इन चारों विधेयकों को एक साथ इसलिए पेश किया जा रहा है, क्योंकि विधेयकों की विषय-वस्तु एक जैसी ही है।
जीएसटी से उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त कर का भार नहीं पड़ेगा : अरूण जेटली

जीएसटी से उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त कर का भार नहीं पड़ेगा : अरूण जेटली

वस्तु एवं सेवा कर को संवैधानिक मंजूरी प्राप्त पहला संघीय अनुबंध करार देते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज कहा कि उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त कर का भार नहीं डालते हुए जीएसटी के माध्यम से देश में एक राष्ट्र, एक कर की प्रणाली लागू करने का मार्ग प्रशस्त होगा।
जीएसटी प्रणाली लागू करने संबंधी चार विधेयक लोकसभा में पेश

जीएसटी प्रणाली लागू करने संबंधी चार विधेयक लोकसभा में पेश

अप्रत्यक्ष कर क्षेत्र की नई वस्तु एवं सेवाकर :जीएसटी: प्रणाली को पूरे देश में अमल में लाने की दिशा में आगे बढ़ते हुए सोमवार को चार विधेयक लोकसभा में पेश किये गए। इन पर संसद की मुहर और अलग से तैयार राज्य जीएसटी विधेयक को सभी राज्यों की विधानसभाओं में मंजूरी मिलने के बाद पूरे देश में जीएसटी व्यवस्था को लागू करने की विधायी प्रक्रिया पूरी हो जायेगी।
‘जीएसटी एक जुलाई से लागू करने का प्रयास’

‘जीएसटी एक जुलाई से लागू करने का प्रयास’

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अप्रत्यक्ष कर क्षेत्र की नई व्यवस्था वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) को एक जुलाई से लागू कर लिया जाएगा। जीएसटी लागू होने से वस्तुएं और सेवाएं सस्ती होंगी और कर चोरी मुश्किल होगी।
जीएसटी के अनुपूरक बिलों को केबिनेट की मंजूरी

जीएसटी के अनुपूरक बिलों को केबिनेट की मंजूरी

केंद्रीय कैबिनेट ने आज गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के अनुपूरक बिलों को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट की तरफ से मंजूरी मिलने के बाद इन बिलों को संसद में पेश किया जाएगा। इन बिलों के पास होने के बाद जीएसटी को कानूनी आधार मिल जाएगा और 1 जुलाई से इसे लागू करना आसान हो सकेगा।
जीएसटी के पूरक विधेयकों को मंत्रिमंडल की मंजूरी

जीएसटी के पूरक विधेयकों को मंत्रिमंडल की मंजूरी

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था को लागू करने में सहायक चार विधेयकों के प्रारूप को मंजूरी दे दी। मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद अब इन विधेयकों को संसद में पेश किया जायेगा।
बड़े अफसर भी जीएसटी की प्रस्तावित व्यवस्था पर नाराज

बड़े अफसर भी जीएसटी की प्रस्तावित व्यवस्था पर नाराज

राज्यों के टैक्स अधिकारियों के विरोध के बाद अब केंद्रीय नौकरशाही ने भी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की प्रस्तावित व्यवस्था पर नाराजगी जताई है। भारतीय राजस्व सेवा यानी आईआरएस के अधिकारियों के संगठन ने जीएसटी के संबंध में कई प्रावधानों पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की है।
जेटली को जीएसटी पहली अप्रैल से लागू होने की उम्मीद

जेटली को जीएसटी पहली अप्रैल से लागू होने की उम्मीद

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज फिर कहा कि प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित लंबित मुद्दे यदि हल हो जाएं तो केंद्र सरकार अब भी इस प्रणाली को आगामी पहली अप्रैल से लागू करना चाहेगी।
शीतकालीन सत्र 16 नवंबर से, नौ नये विधेयक पेश किये जाएंगे

शीतकालीन सत्र 16 नवंबर से, नौ नये विधेयक पेश किये जाएंगे

संसद के 16 नवंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र में जीएसटी से जुड़े तीन विधेयकों और किराये की कोख के नियमन संबंधी विधेयक सहित नौ नये विधेयक पेश किये जाएंगे। संसद में पेश होने वाले वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े तीन विधेयकों में केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर विधेयक, समन्वित वस्तु एवं सेवा कर विधेयक और वस्तु एवं सेवा कर (राजस्व के नुकसान का मुआवजा) विधेयक शामिल हैं।
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