भारत की आजादी का विभाजन त्रासदी का महाकाव्य है। इस पर अनगिनत फिल्में बनाई जा सकती हैं। इस फिल्म के इतने आयाम हैं कि विश्व का हर फिल्मकार भी उस त्रासदी पर फिल्म बनाए तो भी कहानी पूरी न हो।
छत्तीसगढ़ में सोशल मीडिया पर भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्य पंडित दीनदयाल उपाध्याय पर टिप्पणी करने वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को जिले से हटाकर मंत्रालय भेज दिया गया है। अधिकारी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया जा रहा है।
भाजपा की विचारधारा पर अमिट छाप छोड़ने वाले अमर विचारक दीनदयाल उपाध्याय ने 1961 में ही पाकिस्तान की नीयत को भांप लिया था। उन्होंने उस समय कहा था कि अधिक जमीन और पानी की पाकिस्तान की मांगों को स्वीकार कर भारत रणनीतिक तौर पर युद्ध हार रहा है। इससे भविष्य में दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा था कि भारत के सीमावर्ती इलाकों में ऐसे लोग नहीं होने चाहिए जिनकी 'ईमानदारी पर शक हो' और 'भारत की सीमा के कम से कम 15 मील के क्षेत्र में ऐसे लोग होने चाहिए जिन पर भरोसा किया जा सके।'
कहा जाता है कि मोदी हमेशा मास्टर स्ट्रोक मारते हैं। इस स्ट्रोक का भी राजनैतिक हलकों में खूब चर्चा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनसंघ के संस्थापक और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ नेता दीनदयाल उपाध्याय की जन्म शताब्दी मनाने के लिए दो समिति बनाई हैं। इस समिति की खास बात यह है कि इसमें उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी रखा है।
भारतीय जनता पार्टी अपने नेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की शताब्दी के अवसर पर राष्ट्रीय परिषद में भविष्य की दशा-दिशा तय कर रही है। दीनदयालजी कांग्रेस और पंडित नेहरू की विचारधारा से कई अहसमतियां रखते थे और कम्युनिस्टों के तो बिल्कुल विरोधी थे। लेकिन भारतीय जनसंघ (जो एक बार जनता पार्टी में विलय के बाद पुनः भारतीय जनता पार्टी बन गई) के लिए भी दीनदयाल उपाध्याय सामाजिक-आर्थिक समानता, ग्रामीण अंत्योदय, राजनीतिक ईमानदारी, त्याग, सत्ता में दंभ के बजाय जनता की सेवा और समर्पण के विचारों को बढ़ाना चाहते थे।
भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की तीन दिवसीय बैठक शुक्रवार को केरल कोझिकोड में शुरू हो गई जिसमें महासचिव, पदाधिकारी और राज्यों के महत्वपूर्ण नेता पार्टी के गरीब समर्थक व्यापक एजेंडे एवं उरी में आतंकवादी हमले के मद्देनजर पाकिस्तान से निपटने की भविष्य की रणनीति को अंतिम आकार देने पर वार्ता कर रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयं पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्मशताब्दी वर्ष को अविस्मरणीय बनाने के लिए जुट गया है। इस साल पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 100 वीं जयंती है। एकात्म मानवतावाद का सिद्धांत देने वाले पंडित दीनदयाल उपाध्याय को सामाजिक-राजनैतिक दर्शन के लिए जाना जाता है। भारतीयज जनता पार्टी के वैचारिक संरक्षक-परामर्शदाता के लिए पार्टी दृढ़ प्रतिज्ञ है। संघ उनके नाम को घर-घर में पहुंचाना चाहता है।
अब तक तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ही अम्मां कैंटीन के लिए प्रसिद्ध थी। लेकिन अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी प्रदेश के 4 बड़े शहरों में शिवराज भोजनालयों की शुरूआत करने जा रहे हैं। इन भोजनालयों में मात्र 10 रुपये में भरपेट भोजन दिया जाएगा। थाली में दाल, रोटी, सब्जी, पुलाव और अचार होगा। अगर इन शहरों में सफलता मिली तो इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।