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मैगज़ीन डिटेल

पुस्तक समीक्षा: अपने दौर का आईना

विजय प्रशाद से एजाज अहमद की यह लंबी बातचीत हमारे समय और राजनीति को समझने और उससे लड़ने के लिए जरूरी साजो-सामान मुहैया करवाती है

हरियाणा: बेटी पढ़ाओ कोरा नारा

सरकारी स्कूलों की दूरी, शौचालय, पानी, बिजली सुविधाओं का अभाव बेटियों की पढ़ाई में रुकावट

चुनावी रणनीति/ छत्तीसगढ़: ‘कका’ भूपेश की बिसात

कांग्रेस को मुख्यमंत्री की लोकप्रियता पर भरोसा तो भाजपा का बुलडोजर नीति का वादा

चुनावी रणनीति/हिमाचल प्रदेश: क्या 2024 में चल पाएगा मोदी कार्ड

लगातार हार रही भाजपा को आगामी लोकसभा में जीत हासिल करने के लिए खोजना होगा नया मंत्र

चुनावी रणनीति/ मध्य प्रदेश: कड़े मुकाबले का मोर्चा

शिवराज और भाजपा को कल्याणकारी तथा महिला योजनाओं पर भरोसा तो कांग्रेस को एंटी-इन्कंबेंसी और अपनी गारंटियों से उम्मीद

आवरण कथा/रेल हादसे: दरकता कवच

रेल दुर्घटनाओं में दोष चाहे नीति-निर्माताओं का हो मगर अमूमन लोको पायलट, गैंगमैन या ट्रैकमैन के मत्थे जिम्मेदारी मढ़कर भूल जाया जाता है, जरूरी है कि गहन पड़ताल के साथ पूरे तंत्र की कमजोरियों और कमियों की समीक्षा हो

आवरण कथा/रेल राजनीति: पटरियों का सियासी आईना

हर दौर में राजनीति पर फोकस बदलने के साथ रेल नीतियां बदलती गईं, रेल यात्रा की मार्केंटिंग और निजी निवेश पर जोर बढ़ा तो पटरियों और सुरक्षा पर ध्यान घटता गया

आवरण कथा/नजरिया: रफ्तार के शिकार लोग

सरकार और तंत्र ज्यादा सुविधा और रफ्तार को प्राथमिकता बना चुका है, इसमें गरीब कहां हैं

क्रिकेट: आइपीएल 2023 के चमकदार चेहरे

आइपीएल 2023 में शानदार प्रदर्शन करने वाले कुछ खिलाड़ियों की प्रेरणादायक कहानियां

इंटरव्यू/अनुराधा पौडवाल: लोगों का प्यार ही मेरा हासिल

गायन के क्षेत्र में एक ऊंचा मुकाम प्राप्त करने के बाद अनुराधा पौडवाल अब पूर्ण रूप से समाजसेवा को समर्पित हैं।

सप्तरंग

ग्लैमर जगत की हलचल

महिला पहलवान/यौन उत्पीड़न: ये कौन-सा निजाम है दोस्तो!

महिला पहलवानों का संघर्ष सिर्फ बृजभूषण सिंह के खिलाफ कार्रवाई से नहीं, बल्कि पूरे खेल संघों में आमूलचूल बदलाव, खिलाड़ियों और खेल के प्रति संपूर्ण नजरिया बदलने से पूरा होगा

नजरिया/पाकिस्तान: फौज जीतेगी या इमरान

चरमराती अर्थव्यवस्था के बीच इमरान खान की फौज को चुनौती कहीं मुल्क को फिर तानाशाही की ओर न ले जाए

125वीं लोर्का जयंती: बर्नार्डा, रुक्मावती और दूसरे शिकार

सवा सौ साल पहले 5 जून को जन्मे स्पैनिश नाटककार फेडरिको गार्सिया लोर्का के सबक आज निरंकुश स्वेच्छाचार और कट्टरता के बोलबाले के दौर में सबसे जरूरी

पुस्तक समीक्षा: पुराण कथा में वर्तमान

राजनीतिक और दार्शनिक चिंतन जब साहित्यिक अभिव्यक्ति से जुड़ जाते हैं तो जिज्ञासु मन और बुद्धि, जीवन और जगत, सुख और दुख, सत्ता और नैतिकता, प्रेम और सौंदर्य, स्त्री और पुरुष, ज्ञान और ऐशवर्य आदि का चिंतन और मनन करने लगते हैं

पुस्तक समीक्षा: यह संग साथ जरूरी है

किताब में शामिल कई संस्मरण हमारे समय और हमारी परंपरा के बड़े लेखकों से जुड़े हैं

प्रथम दृष्टि: सबक के सवाल

जिस दुर्घटना में लगभग 275 निर्दोष लोग काल के गाल में समा जाएं, उस दुर्घटना से सबक सीखने की जरूरत है। लेकिन क्या सबक सीखा जाएगा?

संपादक के नाम पत्र

भारत भर से आई पाठको की चिट्ठियां

शहरनामा/त्रिशूर

जगतगुरु आदि शंकराचार्य की कहानी भी त्रिशूर से शुरू होती है

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