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Search Result : "अटल पेंशन"

हिन्दी में भी हो एमबीबीएस परीक्षा: डॉ. मोहनलाल चीपा

हिन्दी में भी हो एमबीबीएस परीक्षा: डॉ. मोहनलाल चीपा

अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा कि विश्व स्वास्थ संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के अनुसार, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से जो छात्र डाॅक्टर बनकर निकल रहे हैं, उसमें से 54 प्रतिशत डाॅक्टर विदेश चले जाते हैं और लौटकर भारत नहीं आते। रिपोर्ट यह भी कहती है कि हिन्दी माध्यम से स्कूल की पढ़ाई अच्छे अंकों से उत्तीर्ण करने वाले छात्र जब एम्स जैसी संस्था में पढ़ने जाते हैं, तो भाषाई स्तर पर पिछड़ने की वजह से उनमें से कई तो आत्महत्या तक कर लेते हैं। यही वजह है कि अब एमबीबीएस की परीक्षा हिंदी में कराने की मुहिम तेज हो गई है।
OROP: पूर्व सैनिकों का अनशन खत्‍म, लेकिन आंदोलन जारी

OROP: पूर्व सैनिकों का अनशन खत्‍म, लेकिन आंदोलन जारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्‍पष्‍टीकरण के बाद पूर्व सैनिकों ने वन रैंक-वन पेंशन के मुद्दे पर चल रहा आमरण अनशन खत्‍म करने का ऐलान किया है लेकिन लंबित मुद्दों पर उनका आंदोलन जारी रहेगा। पूर्व सैनिक जंतर-मंतर पर 12 सितंबर को एक महारैली करेंगे।
वन रैंक वन पेंशन सिद्धांतत: मंजूर, विधवाओं को एकमुश्त बकाया

वन रैंक वन पेंशन सिद्धांतत: मंजूर, विधवाओं को एकमुश्त बकाया

मोदी सरकार ने वन रैंक वन पेंशन की मांग मान ली है। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने शनिवार को प्रैसवार्ता में इस बात का एलान किया है। इसे एक जुलाई, 2014 से लागू किया जाएगा और इसमें स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लेने वाले सैनिकों को शामिल नहीं किया गया है।
#OROP- पूर्व सैनिक नाखुश, जारी रहेगा अनशन

#OROP- पूर्व सैनिक नाखुश, जारी रहेगा अनशन

मोदी सरकार ने बेशक वन रैंक वन पेंशन की मांग मान ली है लेकिन पूर्व सैनिक इससे संतुष्ट नहीं। वन रैंक-वन पेंशन की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर पिछले कई दिनों से धरना दे रहे पूर्व सैनिकों का कहना है कि उनका धरना और भूख हड़ताल जारी रहेगी।
अनशन कर रहे सात पूर्व फौजी अस्पताल में भर्ती

अनशन कर रहे सात पूर्व फौजी अस्पताल में भर्ती

मेजर जनरल (रिटायर्ड) मोहन सिंह की फौज में सर्विस को महज नौ साल हुए थे। वर्ष 1971 के भारत-पाक युद्ध में उन्हें एक अहम जिम्मेदारी दी गई। गुरदासपुर की सरहद पर लगते पाकिस्तान में एक पुल था जिसके जरिये पाक सैनिक गुरदासपुर होते हुए पठानकोट के जरिये कश्मीर को भारत से काट देना चाहते थे। उस पुल को नेस्तेनाबूद करने की जिम्मेदारी मेजर मोहन सिंह को दी गई। वह बताते हैं कि ‘ मेरे साथ दस सैनिक और थे। हमने पूरी रात लेट लेट कर सड़क पर बारूद बिछाया। खड़े होते तो सीमा पार से फायरिंग होती। हमारे जिंदा वापस आने की उम्मीद सिर्फ 30 फीसदी थी। मुझे मेरी पत्नी और बच्चों का जरा सा ख्याल नहीं आया, खयाल था तो बस उस पुल को मिटा देने का। हमने इस मिशन पर फतह हासिल की। ’ मेजर मोहन सिंह के अनुसार फौज इस देश के लिए क्या करती है यह बात उन लोगों को शायद पता ही नहीं जिन्होंने हमारी वन रैंक-वन पेंशन की मांग पर फैसला लेना है। वह कहते हैं ‘जिस देश में फौज की इज्जत नहीं होती उसे टुकड़ों में बंटने से कोई नहीं रोक सकता। अगर इन सालों में हमारी पाकिस्तान से लड़ाई नहीं हुई है तो इसका कारण भारत की फौज का मजबूत होना है लेकिन सरकार के रवैये से फौज का हौसला गिरता जा रहा है।
नदी जोड़ परियोजना पर सुरेश प्रभु की रिपोर्ट हुई गायब

नदी जोड़ परियोजना पर सुरेश प्रभु की रिपोर्ट हुई गायब

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय बनाई गई नदी जोड़ परियोजना की रिपोर्ट गायब हो गई है। इस रिपोर्ट को उस समय सुरेश प्रभु ने तैयार किया था। सूत्रों के मुताबिक नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद एक बार फिर नदी जोड़ परियोजना को जोर-शोर से शुरू किए जाने की कवायद होने लगी। लेकिन जब इस परियोजना की पिछली रिपोर्ट को मांगा गया तब पता चला कि यह रिपोर्ट ही गायब हो गई।