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Search Result : "असम समझौता"

मोदी ने जो सबक बिहार में नहीं सीखा वो सबक असम सिखाएगा उन्हें- मणिशंकर अय्यर

मोदी ने जो सबक बिहार में नहीं सीखा वो सबक असम सिखाएगा उन्हें- मणिशंकर अय्यर

पूर्वोत्तर के बारे में मैं कहना चाहूंगा कि असम एक ऐसा राज्य है, जहां अस्थिरता रही है। 70 के दशक में वहां भारी हंगामा रहा और 80 का दशक आते-आते हंगामा बढ़ता रहा। उसके समाधान के लिए, वहां लोकतंत्र लाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने जो कदम उठाए वह आज तक किसी ने नहीं उठाए। सन 1985 में वहां हंगामा करने वालों की जीत हुई थी, उन्होंने सरकार चलाने की कोशिश की लेकिन उन्होंने असम को बरबाद करके छोड़ दिया। उनमें हुकूमत बनाए रखने की क्षमता नहीं थी। लेकिन यह लोकतंत्र है, यहां जो जनता चाहेगी उसी की सरकार बनेगी। बेहतर प्रदर्शन के आधार पर वोट मिलेंगे। आखिरकार जनता ने सही सरकार चुनी।
चर्चाः उच्च सदन, ऊंचे पद, काम अधूरे | आलोक मेहता

चर्चाः उच्च सदन, ऊंचे पद, काम अधूरे | आलोक मेहता

प्रसिद्ध पत्रकार और राज्यसभा के पूर्व सदस्य कुलदीप नायर ने बहुत पहले यह कानूनी लड़ाई लड़ी थी कि संसद के उच्च सदन में मूलतः संबंधित प्रदेश के नेता को ही चुने जाने का प्रावधान हो। श्री नायर यह लड़ाई जीत नहीं सके, लेकिन विभिन्न प्रदेशों के लोग, प्रादेशिक नेता और कार्यकर्ता बाहरी नेताओं को फूलमालाएं पहनाने और जय-जयकार करने के बाद भी मन से दुःखी और दर्द झेलते रहे। इसलिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर नरेंद्र मोदी द्वारा असम की अनदेखी तथा योजनाओं का क्रियान्वयन न करने के आरोप राजनीतिक होने के बावजूद सही हैं।
संघ की सीटी से शुरू कबड्डी

संघ की सीटी से शुरू कबड्डी

महाराष्ट्र के जलगांव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष रणनीतिकारों के अलावा संघ से जुड़े आनुषंगिक संगठनों की जब बैठक हो रही थी तो सभी की चिंता भारतीय जनता पार्टी के अंदर उभरे आंतरिक मतभेद को लेकर थी। लेकिन इन चिंताओं से बेखबर संघ प्रमुख मोहन भागवत का एक ही शब्द‍ सब पर भारी पड़ गया कि अपना काम करो चिंता मत करो।
राहुल लौटे, करेंगे पार्टी नेताओं से मुलाकात

राहुल लौटे, करेंगे पार्टी नेताओं से मुलाकात

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी नए साल की छुट्टिया मनाकर वापस लौट आए हैं। सोमवार को राहुल गांधी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से विचार-विमर्श करेंगे और असम और केरल के चुनावी रणनीति पर भी चर्चा करेंगे।
पूर्वोत्‍तर में भीषण भूकंप: कम से कम 11 मरे, सैकड़ों घायल

पूर्वोत्‍तर में भीषण भूकंप: कम से कम 11 मरे, सैकड़ों घायल

पूर्वोत्‍तर भारत में आज 6.7 तीव्रता का भीषण भूकंप आया जिससे कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक घायल हैं। भूकंप का केंद्र मणिपुर में था जिससे कई इमारतें ढह गईं तथा लोग दहशत में आ गए। भूकंप के 5 घंटे बाद दूसरी बार भूकंप के झटके महसूस किए गए जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.6 थी। माना जा रहा है ये भूकंप के बाद आने वाले आफ्टर शॉक हैं।
असम, बंगाल में नीतीश रणनीति

असम, बंगाल में नीतीश रणनीति

महागठबंधन बनाकर भाजपा को पटखनी देने वाले मुख्य‍मंत्री नीतीश कुमार अगले साल असम और पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव में बिहार जैसा खाका खींचने में जुट गए हैं। इसके लिए नीतीश कुमार स्वयं कांग्रेस के अलावा इन राज्यों के क्षेत्रीय दल के नेताओं के संपर्क में हैं।
राहुल का संघ पर आरोप, असम के मंदिर में प्रवेश से रोका

राहुल का संघ पर आरोप, असम के मंदिर में प्रवेश से रोका

कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी ने आज दावा किया कि असम के उनके हालिया दौरे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने उन्हें बरपेटा के एक मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया था। उन्होंने कहा कि यह राजनीति करने की भाजपा की शैली है जो कि अस्वीकार्य है।
ऐतिहासिक जलवायु समझौते को मंजूरी, जानिए इसकी खास बातें

ऐतिहासिक जलवायु समझौते को मंजूरी, जानिए इसकी खास बातें

दुनिया को जलवायु परिवर्तन के खतरे से बचाने के लिए विश्‍व के 196 देशों के बीच पेरिस में ऐतिहासिक हो गया है। लंबी खींचतान और विचार-विमर्श के बाद भारत, चीन, अमेरिका समेत छोटे-बड़े तमाम देश इस समझौते पर राजी हुए। इसमें धरती के तापमान में बढ़ोतरी को 2 डिग्री सेल्सियस से काफी नीचे रखने का लक्ष्‍य रखा गया है।
बिहार चुनाव का हवाला दे असम में राहुल ने साधा मोदी पर निशाना

बिहार चुनाव का हवाला दे असम में राहुल ने साधा मोदी पर निशाना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर करारा प्रहार करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज उन पर चुनाव जीतने के लिए खोखले चुनावी वादे करने और लोगों के बीच मतभेद पैदा करने का आरोप लगाया। राहुल ने लोगों से भाजपा के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया।
जलवायु समझौते का नया मसौदा जारी, लेकिन अहम मुद्दे अनसुलझे

जलवायु समझौते का नया मसौदा जारी, लेकिन अहम मुद्दे अनसुलझे

जलवायु परिवर्तन पर एेतिहासिक समझौते की समय सीमा से दो दिन पहले वार्ताकारों ने एक नया और छोटा मसौदा जारी किया है जिसमें सभी महत्वपूर्ण प्रगतियों और मतभेदों को शामिल किया गया है। हालांकि यह मसौदा भी जटिल मुद्दों पर मतभेदों को दूर करने में नाकाम रहा है।