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Search Result : "आलोक रावत"

जनता के मौन का खतरा भी

जनता के मौन का खतरा भी

भारतवासी अपने संस्कार और हजारों वर्षों की परंपरा से धैर्यवान हैं। जीवन में कठिनाइयों से जूझना, श्रम के साथ प्रकृति-ईश्वर के प्रति आस्था। रखना उनके स्वभाव में है। इसलिए आर्थिक क्रांति की तरह सरकार द्वारा रातों-रात एक हजार और पांच सौ के नोटबंदी के फैसले पर देश के विभिन्न भागों में गंभीर समस्याओं, लंबी पंक्तियों, बीमारी के इलाज, असामयिक मृत्यु, विवाह में बाधाओं के बावजूद हिंसक घटनाएं नहीं हुई। सरकार ने इस धैर्य और मौन को निर्णय का व्यापक समर्थन एवं स्वीकृति करार दिया है।
उत्तरी दिल्ली में हुए विस्फोट में आतंकी पहलू की आशंका नहीं

उत्तरी दिल्ली में हुए विस्फोट में आतंकी पहलू की आशंका नहीं

उत्तरी दिल्ली के नया बाजार इलाके में हुई विस्फोट की घटना में पुलिस ने किसी आतंकी पहलू की आशंका से इनकार किया है। सोमवार को पटाखों में हुए धमाके में एक व्यक्ति की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए।
जेएनयू मामलाः नजीब को ढूंढने के लिए विशेष टीम गठित

जेएनयू मामलाः नजीब को ढूंढने के लिए विशेष टीम गठित

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से गायब एमएससी (बायोटेक्नो लॉजी) प्रथम वर्ष के छात्र नजीब अहमद को लेकर कैंपस का माहौल गर्म है। बार फिर यहां लाल और भगवा ब्रिगेड आमने-सामने हैं। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस पूरे मामले को लेकर दिल्लीड पुलिस कमिश्नैर आलोक वर्मा से भी बात की है। उन्होंने दिल्ली पुलिस को लापता छात्र का पता लगाने के लिए विशेष टीम गठित करने का निर्देश दिया।
उत्तराखंड: पीडीएफ को लेकर सरकार और प्रदेश कांग्रेस में दरार

उत्तराखंड: पीडीएफ को लेकर सरकार और प्रदेश कांग्रेस में दरार

उत्तराखंड सरकार में शामिल प्रगतिशील लोकतांत्रिक मोर्चा (पीडीएफ) के समर्थन को लेकर कांग्रेस संगठन और सरकार के बीच जारी विवाद बढ़ता जा रहा है।
हवाला-छापों से हैरान ए.के.। आलोक मेहता

हवाला-छापों से हैरान ए.के.। आलोक मेहता

ए.के.- 67 के कारतूस लगातार खोखले और ‘आप हंता’ साबित हो रहे हैं। 70 में से 67 का भारी बहुमत और टोपी-कमीज-चप्पल से बनी प्रारंभिक लोकप्रिय छवि वाला मुख्यमंत्री भारतीय राजनीति में पहले कभी नहीं उभरा। केवल दो साल की राजनीतिक गोलीबारी के साथ संपूर्ण भारत पर राजनीति की महत्वाकांक्षा पालने वाले ए.के. यानी अरविंद केजरीवाल अब हैरान हैं।
तीन दिन के उत्तराखंड प्रवास पर देहरादून पहुंचे राष्ट्रपति मुखर्जी

तीन दिन के उत्तराखंड प्रवास पर देहरादून पहुंचे राष्ट्रपति मुखर्जी

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी अपने तीन दिन के उत्तराखंड प्रवास पर आज देहरादून पहुंचे। इस प्रवास के दौरान वह भगवान शिव के धाम केदारनाथ जाने के अलावा हरिद्वार में गंगा आरती में भी हिस्सा लेंगे।
समय गांवों के वादे निभाने का। आलोक मेहता

समय गांवों के वादे निभाने का। आलोक मेहता

भारतीय जनता पार्टी अपने नेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की शताब्दी के अवसर पर राष्ट्रीय परिषद में भविष्य की दशा-दिशा तय कर रही है। दीनदयालजी कांग्रेस और पंडित नेहरू की विचारधारा से कई अहसमतियां रखते थे और कम्युनिस्टों के तो बिल्कुल विरोधी थे। लेकिन भारतीय जनसंघ (जो एक बार जनता पार्टी में विलय के बाद पुनः भारतीय जनता पार्टी बन गई) के लिए भी दीनदयाल उपाध्याय सामाजिक-आर्थिक समानता, ग्रामीण अंत्योदय, राजनीतिक ईमानदारी, त्याग, सत्ता में दंभ के बजाय जनता की सेवा और समर्पण के विचारों को बढ़ाना चाहते थे।
मराठा गौरव को आरक्षण। आलोक मेहता

मराठा गौरव को आरक्षण। आलोक मेहता

मराठा पृष्ठभूमि गौरवशाली रही है। मराठा राजा-महाराजाओं का सत्ताकाल, स्वतंत्रता आंदोलन और आजाद भारत में आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण उपलब्धियों का बड़ा श्रेय मराठा समुदाय को मिलता है। मुंबई, पुणे, औरंगाबाद, नागपुर जैसे क्षेत्रों में उद्योग-व्यापार, शिक्षा, पर्यटन, सहकारी समितियों की संस्था एं, कृषि, विज्ञान इत्यादि में नए रिकॉर्ड बने हैं। फिर भी पिछले दिनों राजनीतिक इरादों से मराठा आरक्षण देने की मांग को लेकर हजारों लोगों का प्रदर्शन हुआ है।
यौन उत्पीड़न मामले में आप विधायक अमानतुल्लाह गिरफ्तार, भेजे गए जेल

यौन उत्पीड़न मामले में आप विधायक अमानतुल्लाह गिरफ्तार, भेजे गए जेल

दिल्ली पुलिस ने बुधवार को यौन उत्पीड़न के एक मामले में ओखला विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद खान को दिल्ली की एक अदालत में पेश किया जिसने पुलिस हिरासत से इंकार करते हुए उन्हें बृहस्पतिवार तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
अब अमेरिकी ऊंट पहाड़ के नीचे। आलोक मेहता

अब अमेरिकी ऊंट पहाड़ के नीचे। आलोक मेहता

भारत पिछले कई वर्षों से अमेरिका सहित दुनिया के देशों को पाकिस्तान में पल रहे आतंकवादी दानवों के खतरे की ओर ध्यान आकर्षित करता रहा है। फिर भी अमेरिका बड़े पैमाने पर पाकिस्तान को आर्थिक मदद एवं अत्याधुनिक हथियार देता रहा। ओसामा बिन लादेन के तालिबानी हमले के बाद उसने अफगानिस्तान के कुछ क्षेत्रों पर बमबारी की और सैनिक तैनात किए लेकिन पाकिस्तान में छिपे लादेन के अपवाद को छोड़कर किसी आतंकवादी ठिकाने को निशाना नहीं बनाया।
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