प्राचीन भारतीय गुरू, दार्शनिक और राजनीतिज्ञ चाणक्य के उपदेशों को आधुनिक जीवन की समस्याओं और चुनौतियों से निबटने के लिए समसामयिक रूप में पेश किया गया है।
हिन्दी में एक गीत है, जाना था जापान, पहुंच गये चीन ....। दक्षिण अफ्रीकी टीम के साथ भी न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन एकदिवसीय अंतररष्ट्रीय क्रिकेट मैचों की श्रृंखला से पहले कुछ एेसा ही हुआ। कीवी बल्लेबाजों के लिए बनाई गई न्यूजीलैंड की रणनीति पहले ही लीक हो गई।
देश में पर्यावरण गंभीर खतरे में है। जन-जंगल-जमीन इस तरह प्रदूषित हो गया है कि साफ हवा और साफ पानी के लाले पड़े हुए हैं। ऐसे में पहले से लचर पर्यावरण कानूनों को मजबूत बनाने के बजाय केंद्र सरकार पर्यावरण कानूनों की समीक्षा के नाम पर पर्यावरण और लोगों के अधिकारों को रहन रखने की कोशिश कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के लिए पर्यावरण शब्द का मतलब निवेश का पर्यावरण बन गया है।
सरकारी विभागों से गोपनीय सूचनाएं की चोरी पर अंकुश लगान के लिए केंद्र सरकार ने सभी मंत्रालयों और विभागों को कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब सरकारी काम के लिए आउटसोर्स किए गए कर्मचारियों की सुरक्षा स्क्रीनिंग को अनिवार्य बना दिया गया है जबकि गोपनीय कामों को इंटरनेट कनेक्शन वाले कंप्यूटर पर करने से बचने को कहा गया है।
शुक्रवार सुबह दिल्ली एयरपोर्ट पर किसी रेडियोधर्मी पदार्थ के रिसाव की खबर से दहशत फैल गई। खबर मिलते ही एनडीआरएफ की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और पूरे क्षेत्र को विकिरणमुक्त करा लिया। शुरुआत में माना गया कि किसी रेडियोधर्मी पदार्थ का रिसाव हुआ है। यह पदार्थ फोर्टिस अस्पताल के लिए तुर्की के एक कार्गो विमान से लाया गया था। दिन भर एयपोर्ट को विकिरणमुक्त करने के लिए मशक्कत जारी रही। लेकिन शाम को परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड और दिल्ली सरकार ने किसी रेडियोधर्मी पदार्थ के रिसाव से साफ इन्कार कर दिया।
दिल्ली की एक अदालत ने पेट्रोलियम मंत्रालय के दस्तावेज लीक करने के मामले में गिरफ्तार छह आरोपियों को आज जमानत दे दी। इनमें चार काॅरपोरेट अधिकारी और एक पत्रकार शामिल हैं।
इंटरनेट तटस्थता पर टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन राहुल खुल्लर से एक अंग्रेजी दैनिक में प्रकाशित हुई बातचीत के बाद इसकी बहस कुछ दूसरी ओर मुड़ गई है। राहुल खुल्लर ने इसे कारपोरेट युद्ध करार दिया।
हमारी मांग है कि जमीन ली जाए लेकिन कॉरपोरेट के लिए नहीं बल्कि किसानों के लिए। जमीन ली जाए ताकि किसान औरतों के पक्ष में जमीन का पुनर्वितरण हो। खेती नहीं रहेगी, देश के पास अनाज नहीं रहेगा तो मेक इन इंडिया के नारे का ढोल कैसे बजेगा और कौन बजाएगा। यह कहना था भारतीय महिला फेडरेशन की महासचिव एनी राजा का।