आधार कार्ड अनिवार्य करने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक अहम फैसला देते हुए आधार कार्ड की अनिवार्यता पर रोक के अपने पहले के फैसले को बरकरार रखा है।
गुजरात में अराजकता का नया चेहरा उभरकर सामने आया है जिसकी भाषा तोगड़िया सी है और कार्यशैली केजरीवाल जैसी। जो बंदूक और रिवॉल्वर से प्यार करता है और जिसके समर्थक ओडी तथा मर्सिडीज में बैठकर आरक्षण मांगने आते हैं। कानून उनके लिए कुछ भी नहीं है, अगर उन्हें मनमानी करने से रोका जाता है तो दंगा-फसाद से भी परहेज नहीं करते हैं।
उच्चतम न्यायालय ने हरियाणा के मिर्चपुर गांव में हिंसा के कारण विस्थापित हुए दलित समुदाय के सदस्यों के पुनर्वास के लिए दायर जनहित याचिका आज पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के पास भेज दी।
आजादी के 68 साल के जश्न के बीच आजादी का अहसास किन-किन बंद तालों से आज भी टकरा रहा है, इसकी पड़ताल की जरूरत बेहद शिद्दत से महसूस की जा रही है। ये ताले जब कानूनों के हों तो फिर आजादी की तड़प बंद पिंजरे में फडफ़ड़ाती है।
देश में पर्यावरण गंभीर खतरे में है। जन-जंगल-जमीन इस तरह प्रदूषित हो गया है कि साफ हवा और साफ पानी के लाले पड़े हुए हैं। ऐसे में पहले से लचर पर्यावरण कानूनों को मजबूत बनाने के बजाय केंद्र सरकार पर्यावरण कानूनों की समीक्षा के नाम पर पर्यावरण और लोगों के अधिकारों को रहन रखने की कोशिश कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के लिए पर्यावरण शब्द का मतलब निवेश का पर्यावरण बन गया है।
भारतीय संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर ने दलितों, आदिवासियों और महिलाओं के उत्थान के लिए संविधान में कई अनुच्छेद बड़ी सतर्कता से शामिल किए। इन अनुच्छेदों में समाज में दलितों को समान दर्जा, अस्पृश्यता उन्मूलन और उनके प्रति भेदभाव मिटाने के प्रावधान, सबके लिए मौलिक अधिकारों के प्रावधान, समान न्यायिक सुरक्षा, मताधिकार और शिक्षा, रोजगार, पदोन्नति में आरक्षण, तरक्की तथा राजनीतिक प्रतिनिधित्व के प्रावधान रखे गए।
उच्चतम न्यायालय ने आधार कार्ड की अनिवार्यता पर बरकरार संशय को खत्म करते हुए आज व्यवस्था दी कि सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं होगा। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस योजना में पंजीकरण के लिए एकत्र व्यक्तिगत बायोमेट्रिक आंकड़ों को साझा करने से भी प्राधिकारियों पर रोक लगा दी।
सोमवार रात योगेंद्र यादव और उनके स्वराज अभियान के साथियों की जंतर मंतर से की गई गिरफ्तारी की शैली पर आज दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को जमकर फटकार लगाई। अदालत ने इस तरह से शांतिपूर्ण प्रदर्शन को रोक कर गिरफ्तार करने और नाजायज तरीके से बिना मजिस्ट्रेट के सामने पेश किए देर तक बिलावजह हिरासत में रखने पर पुलिस पर सख्त टिप्पणी की।