भाजपा के लोकसभा सांसद और देश के जाने-माने पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने दिल्ली क्षेत्र के कंपनी रजिस्ट्रार पर आरोप लगाया है कि दिल्ली एवं जिला क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) की वित्तीय अनियमितताओं की जांच के नाम पर कंपनी रजिस्ट्रार एवं उनकी टीम ने लीपापोती की है।
उच्चतम न्यायालय ने राजधानी में बढते प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए दिल्ली में दाखिल होने वाले वाणिज्यिक वाहनों से पर्यावरण शुल्क वसूलने का आदेश दिया है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि एक नवंबर से चार महीने के लिए राजधानी में प्रवेश करने वाले वाणिज्यिक वाहनों से टोल टैक्स के अतिरिक्त पर्यावरण शुल्क वसूला जाए।
दादरी हत्या मामले की पृष्ठभूमि में गोमांस सेवन के खिलाफ एक कठोर अभियान चलाने वाले तेजतर्रार भाजपा नेता संगीत सोम के बारे में यह बात सामने आई है कि वह खुद हलाल मांस के कारोबार से जुड़ी एक प्रमुख कंपनी के बोर्ड में निदेशक के तौर पर मांस व्यापार से जुड़े हुए थे।
लंबे इंतजार के बाद अमेरिका में महिलाओं की यौन इच्छा को बढ़ाने वाली दवा को नियामक संस्था से मंजूरी मिल गई है। इस 'महिला वियाग्रा' को लैंगिक आजादी की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
सत्ता, कानून और न्यायालय से क्या आज भी देश के आम नागरिक और समाज के आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति को न्याय की उम्मीद बंधती है? क्या उसके मौलिक अधिकार समाज के सुविधा संपन्न और रसूखदारों की तरह सुरक्षित हैं? कानूनों के संदर्भ में जब हम आजादी की बात करें तो इस पहलू की गहराई से विवेचना होनी चाहिए। समाज में, नीति-निर्धारकों में जो दो फाड़ है, वह कानून की दुनिया में भी साफ दिखाई देता है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक, सरकार ऐसी योजना लाने की तैयारी कर रही है जिसके तहत पुराने वाहन लौटाने पर डेढ़ लाख रुपये तक का प्रोत्साहन दिया जाएगा।
भारत में पिछले नौ महीनों की तुलना में जुलाई के दौरान कारों की बिक्री 17. 5 प्रतिशत तक बढ़ी है जो देश की अर्थव्यवस्था के मंदी के दौर से उबरने का संकेत दे रही है।
यह 21वीं सदी का नमक सत्याग्रह है जिस पर महात्मा गांधी को भी गर्व होता। भारत ने आयोडिन युक्त नमक उत्पादन को लेकर एक दिग्गज बहुराष्ट्रीय कंपनी के खिलाफ पेटेंट की लड़ाई जीत ली है। नमक को लेकर यह लड़ाई भावनगर की एक सरकारी प्रयोगशाला ने जीती और दैनिक उपभोग के आयोडिन युक्त नमक बनाने के पेटेंट का नियंत्रण बहाल कर लिया। इस लड़ाई में बहुराष्ट्रीय कंपनी हिन्दुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल) को मात मिली।
जर्मनी की वाहन निर्माता कंपनी फॉक्सवैगन दुनिया की सबसे बड़ी वाहन कंपनी बन गई है। फॉक्सवैगन ने हाल तक विश्व की सबसे बड़ी वाहन निर्माता रही टोयोटा को पीछे छोड़ दिया है।