प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को भाजपा के सांसदों को सियासत के गुण सिखाएं। प्रधानमंत्री ने सांसदों से कहा कि सरकार के कामकाज को जनता के बीच पहुंचाए और विपक्ष के झूठ का करारा जवाब दें।
केंद्र सरकार ने अपना रुख कड़ा करते हुए संकेत दिया कि वह विवादास्पद भूमि विधेयक में आगे संशोधनों की इजाजत नहीं देगी और इस बात पर जोर दिया कि वह नतीजों का सामना करने के लिए तैयार है। संसदीय कार्य और शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने पीटीआई-भाषा से कहा, सरकार ने जरूरी संशोधन किए हैं।
भूमि अधिग्रहण विधेयक पर विपक्ष के हमलों का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को विपक्षी दलों पर झूठ फैलाकर राजनीतिक फायदा उठाने का आरोप लगाया और कहा कि वह किसानों के हितों का संरक्षण करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।
भूमि विधेयक पर आलोचनाओं से घिरी भाजपा ने आज कहा कि वह इस मुद्दे पर वार्ता में किसानों को शामिल करने और विपक्ष द्वारा फैलाए गए भ्रम और दुष्प्रचार को दूर करने के लिए व्यापक पैमाने पर संपर्क कार्यक्रम चलाएगी। पार्टी ने यह भी कहा है कि वह विपक्षी दलों और किसानों द्वारा सुझाए कुछ बदलावों को मानने के लिए तैयार है।
भूमि अधिग्रहण अध्यादेश की समय सीमा समाप्त होने से एक दिन पहले सरकार ने इसे फिर से जारी कर दिया। इस अध्यादेश के बदले संबंधित विधेयक को राज्यसभा में विपक्ष के कड़े प्रतिरोध के कारण पारित नहीं करा पाने के कारण सरकार ने अध्यादेश को फिर से जारी किया।
केंद्र सरकार को आज राज्यसभा में विपक्षी दलों में फूट डालकर खान और खनिज विधेयक तथा कोयला खनन विधेयक पारित करवाने में सफलता मिली। ये दोनों विधेयक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारपोरेट विकास के लिए बहुत अहम थे और इन्हें पारित कराना उनके लिए बड़ी चुनौती भी थी।
भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ विपक्षी नेताओं का संसद से राष्ट्रपति भवन तक विरोध मार्च शांतिपूर्ण सम्पन्न हुआ। पुलिस को मार्च को इजाजत नहीं देने का अपना आदेश वापस लेने को बाध्य होना पड़ा। विपक्ष ने मार्च के बाद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की।
भूमि अधिग्रहण अधिनियम विधेयक विपक्ष के विरोध के बावजूद लोकसभा में पास हो गया। कुल 11 संशोधनों के साथ भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक लोकसभा में पास हुआ। इससे पहले विपक्ष ने एकजुट होकर कहा कि सरकार ने इस प्रस्ताव में केवल कारपोरेट के हितों को ध्यान में रखा है। कांग्रेस और तेलंगाना राष्ट्र समिति ने सदन से वॉक आउट किया।
आप में चल रही आंतरिक कलह के बीच पार्टी के राजनीतिक विरोधियों ने आज कहा कि पार्टी का यह दावा कि वह अलग तरह का दल है गलत साबित हो गया है। विपक्षियों का कहना है कि वह भी किसी भी अन्य राजनीतिक संगठन की तरह व्यक्ति केन्द्रित संचालन से जूझ रही है।