हाल ही में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के कुशीनगर जिले के मुसहर बस्ती का दौरा करने से पहले साबुन-शैंपू बांटे जाने पर काफी विवाद उठा था। इस विवाद को लेकर गुजरात के दलित संगठन ने सीएम योगी को एक खास तोहफा देने की पेशकश की है।
जन्माष्टमी के मौके पर मुंबई में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ाई गईं। दही हांडी के लिए 20 फिट से ऊंचे मानव पिरामिड पर कोर्ट ने रोक लगाई थी पर अधिकांश जगह इससे ज्यादा ऊंचाई पर हांडी लटकार्इ गई। मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने भी इस आदेश को मानने से इनकार कर दिया। उनकी पार्टी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में तो 42 फीट की ऊंचाई पर दही हांडी लटकाई गई।
स्वामी शिवानंद हिंदू साधू हैं और दावा है कि वह दुनिया के सबसे उम्रदराज शख्स हैं जिन्होंने तीन सदियां देखी हैं। उनके पासपोर्ट पर उनकी जन्मतिथि 8 अगस्त, 1896 दर्ज है और पासपोर्ट विभाग का कहना है कि उनके जन्म की तारीख को एक मंदिर के रजिस्टर से प्रमाणित किया गया है।
महाराष्ट्र में दही हांडी के मामले में उच्चतम न्यायालय ने महत्वपूर्ण आदेश देते हुए कहा है कि इसमें 18 साल से कम उम्र के बच्चे भाग नहीं लेगे। साथ ही कोर्ट ने कहा है कि बंबई उच्च न्यायालय ने जो तय किया था उसी नियम के तहत दही हांडी में लोगों के पिरामिड की ऊंचाई 20 फीट से ऊपर नहीं रखी जाएगी। कोर्ट ने कहा कि 'हमने भगवान श्री कृष्ण के मक्खन चुराने के बारे में तो सुना है, लेकिन उनके करतब के बारे में नहीं सुना।
अमेरिका के 42 साल के स्काई डाइवर ल्यूक एकिंस के हैरत अंगेज कदम से आप रोमांच से भर जाएंगे। एकिंस ने आसमान में 25 हजार फीट की ऊंचाई से बिना पैराशूट के छलांग लगाकर इतिहास बना दिया है। ल्यूक एकिंस ने बिना किसी सुरक्षा उपकरण के ऐसी खतरनाक छलांग लगाकर विश्व रिकॉर्ड बना दिया है। ल्यूक ने इस छलांग को फॉक्स चैनल के एक कार्यक्रम के लिए लगाया।
गुजरात के जामनगर से भाजपा सांसद पूनमबेन माडम लोगों की फरियाद सुनते हुए अचानक 10 फीट गहरे नाले में गिर गईं। हादसे के बाद वहां चारों तरफ अफरा तफरी मच गई।
पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती द्वारा अलगाववादी मसर्रत आलम की रिहाई के मामले में दिए बयान के बाद पीडीपी और भाजपा के बीच दूरी बढ़ती जा रही है। भाजपा का अब कहना है कि जबरन तनाव पैदा किया जा रहा है।
खाद्य मूल्य में गिरावट जैसे बाहरी कारकों के अलावा कृषि क्षेत्र की कुछ समस्याएं इस साल के कमजोर मॉनसून से भी बढ़ी हैं। यह भी एक तत्व है कि पूर्ववर्ती सरकार की गलत नीतियों के कारण कृषि क्षेत्र की दुर्दशा हुई है। सन 2014 में पोषक तथ्व आधारित सद्ब्रिसडी (एनबीएस) शुरू होने से न सिर्फ उर्वरक मूल्य में वृद्धि हुई बल्कि मिश्रित उर्वरक के इस्तेमाल में असंतुलन भी पैदा हुआ। नतीजतन कृषि में मुनाफा कम हो गया और ग्रामीण अर्थव्यवस्था बदतर हो गई।