दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने सनी देओल अभिनीत और चंद्रप्रकाश दि्ववेदी निर्देशित फिल्म मोहल्ला अस्सी के पूरे देश में प्रदर्शन पर रोक लगा दी है। यह रोक इस फिल्म का एक अनाधिकारिक ट्रेलर जारी होने के बाद लगाई गई है। इस ट्रेलर में भगवान शिव का स्वांग धरे एक व्यक्ति को धाराप्रवाह गालियां बकते दिखाया गया है।
सनी देओल की फिल्म 'मोहल्ला अस्सी' का कथित ट्रेलर हाल ही में काफी विवादों में रहा था। अब इसे लेकर वाराणसी में सनी देओल और इस फिल्म निर्देशक चंद्र प्रकाश दि्वेदी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई है। दोनों पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा है।
राजकमल प्रकाशन से आठ खंडों में प्रकाशित राजकमल चौधरी रचनावली के प्रथम दो खंडों में कविता, तीसरे-चौथे खंड में कथा, पांचवे-छठे खंड में उपन्यास, सातवें खंड में निबंध-नाटक और अंतिम खंड में पत्र-डायरी को शामिल किया गया है।
जी मीडिया और नवीन जिंदल समूह के बीच की लड़ाई और बढ़ गई है। अब इस कड़ी में जिंदल ग्रुप के सहायक उपाध्यक्ष डी.के. भार्गव की याचिका पर जी मीडिया के मालिक सुभाष चंद्रा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
इंडिया हैबिटेट सेंटर का केसोरिना हॉल। जब हम पहुंचे तो हॉल में गिनती के लोग। देखते ही देखते हॉल में बच्चों की शैतानियां शुरू हो गईं। मम्मियों की आंखें लाल होने लगीं और इस सबके बीच सज गया मंच, ‘मम्मा की डायरी’ पर बातों के लिए। नताशा ने संचालन का जिम्मा उठाया और लेखिका अनु सिंह चौधरी ने बातों की भूमिका बांधी। एक सवाल के साथ, ‘मैं मां न होती तो न जाने क्या होती?’ औपचारिक शुरुआत दिल्ली विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों की बनाई फिल्म, ‘आओगी न मां’ से हुई। संवाद के तौर-तरीके चिट्ठी-पत्री से बदल कर ईमेल तक पहुंचे।
वाणी प्रकाशन के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर एनेक्स में ‘एथनोग्रफिक-हिस्ट्री-ऑफ-बुक्स बनाम कहानी-किताब-की’ कार्यक्रम हुआ। वक्ताओं में आशीष नंदी, मृणाल पांडे और अभय कुमार दूबे थे। कार्यक्रम की शुरुआत वाणी के निदेशक अरुण महेश्वरी ने की। यह कार्यक्रम वाणी प्रकाशन के इक्क्यावनवें स्थापना दिवस पर आयोजित किया गया था।
लोगों में आज सफल होने की होड़ तेजी से बढ़ने पर चिंता व्यक्त करते हुए जानी मानी लेखिका अलका सरावगी ने कहा कि आज बाजार सबके लिए मूल्यबोध के पैमाने बनने के साथ साधन एवं साध्य बन गया है और ऐसे में लेखकों की जिम्मेदारी काफी बढ़ जाती है।