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वाह पीएम साहब, क्‍या कहने : इंटरव्‍यू के सवाल पहले आप मंगाते हैं अपने पास

वाह पीएम साहब, क्‍या कहने : इंटरव्‍यू के सवाल पहले आप मंगाते हैं अपने पास

अभी टाइम्‍स नाऊ के एडिटर इन चीफ अरनब गोस्‍वामी द्वारा लिए गए पीएम मोदी के इंटरव्यू पर बहस समाप्‍त ही नहीं हुई थी कि पीएम माेदी के एक और इंटरव्‍यू की चर्चा सोशल मीडिया में चर्चा का केंद्र बन गई है। यूएई में रहने वाले एक जर्नलिस्‍ट ने मोदी का इंटरव्यू लेने का अनुभव फेसबुक पर शेयर किया है। जिसमें उन्‍होंने कहा कि पीएम मोदी इंटरव्‍यू से पहले सवाल अपने पास मंगाते हैं।
सोशल मीडिया में अर्नब की खिंचाई, पीएम माेदी के इंटरव्‍यू से अहम मसलेे रहे गायब

सोशल मीडिया में अर्नब की खिंचाई, पीएम माेदी के इंटरव्‍यू से अहम मसलेे रहे गायब

प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने पहली बार भारतीय मीडिया को इंटरव्यू दिया। जिस पर सोशल मीडिया में चर्चा जारी है। अधिकांश लोगों की राय है कि ज्‍वलंत मसलों पर टाइम्‍स नाउ के अर्नब गोस्‍वामी ने पीएम मोदी को अटैैक नहीं किया। लिहाजा यह इंटरव्‍यू भी एक खानापूर्ति ही साबि‍त होकर रह गया।
चर्चा: छोटे पर्दे पर धार बिना तलवारबाजी। आलोक मेहता

चर्चा: छोटे पर्दे पर धार बिना तलवारबाजी। आलोक मेहता

मीडिया के कुछ लोगों को तो पूर्वाग्रही कहा जा सकता है और प्रतियोगी भाव कि प्रधानमंत्री ने अर्णब गोस्वामी को ही पहले इंटरव्यू के लिए क्यों चुना? हम जैसे पत्रकार मानते हैं कि यह अर्णब गोस्वामी की बड़ी सफलता है, जो प्रधानमंत्री को अपने चैनेल को इंटरव्यू के लिए तैयार कर सके। इसी तरह नरेंद्र मोदी ने भी पुराने ढर्रे को त्यागकर दूरदर्शन अथवा लोक सभा, राज्य सभा टी.वी. चैनलों के बजाय एक निजी चैनल को इंटरव्यू देने का फैसला कर नया अध्याय जोड़ा। यूं उनकी सरकार दावा यही करती है कि प्रसार भारती के दूरदर्शन चैनल की पहुंच दूरदराज के गांवों सहित देश के हर कोने में है, जहां निजी अंग्रेजी चैनल तो क्या हिंदी चैनल की पहुंच भी नहीं है।
स्वामी को प्रधानमंत्री की हिदायत, खुद को व्यवस्था से बड़ा न मानें

स्वामी को प्रधानमंत्री की हिदायत, खुद को व्यवस्था से बड़ा न मानें

सुब्रमण्यम स्वामी लागातार सरकार के लोगों पर हमले कर रहे हैं। रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन के बाद उन्होंने नए नाम अरविंद सुब्रमण्यम पर भी हमला बोला। जेटली को वह लगातार बोलने के लिए उकसा रहे हैं। यहां तक कि जेटली के जबाव देने पर उन्होंने खून-खराबे तक की बात कह डाली। सभी को इंतजार था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर क्या कदम उठाते हैं।
मोदी ने कहा, मैं डर गया हूं

मोदी ने कहा, मैं डर गया हूं

प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने अपने पहले इंटरव्यू में टाइम्स नाऊ के एंकर अर्णब गोस्वामी से कई मुद्दों पर बातें साझा कीं। विदेश नीति से लेकर जन धन योजना पर मोदी खुल कर बोले।
न्‍याय की पराकाष्‍ठा, आखिरकार 92 साल के व्यक्ति को जाना पड़ेगा जेल

न्‍याय की पराकाष्‍ठा, आखिरकार 92 साल के व्यक्ति को जाना पड़ेगा जेल

झूठी शान की खातिर 1980 में हुई हत्या के एक मामले में दोषी करार दिए गए बिस्तर पर पड़े 92 वर्षीय एक व्यक्ति को आखिरकार जेल जाना पड़ेगा क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा काटने के लिए पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने से उसे कोई भी छूट प्रदान करने से मना कर दिया।
कमाल इंडिया : सहस्राब्दि की 10 युवा हस्तियों की टाइम सूची में उमेश सचदेव

कमाल इंडिया : सहस्राब्दि की 10 युवा हस्तियों की टाइम सूची में उमेश सचदेव

टाइम पत्रिका की सहस्राब्दि के 10 युवाओं की ताजा सूची में 30 वर्षीय भारतीय उद्यमी उमेश सचदेव भी हैं, जो एक ऐसा फोन बना रहे हैं जिसमें किसी भाषा में निर्देशों का आदान-प्रदान किया जा सकता है। इन हस्तियों के काम दुनिया में लोगों के जीवन को बदलने की संभावना रखते हैं। सचदेव को टाइम द्वारा 2016 की सूची में ऐसा फोन बनाने के लिए शमिल किया गया है जो किसी भी भाषा को समझ कर उसमें जवाब दे सकता है।
डेल्ही वाक्स: जायकों के लुत्फ के साथ शाहजहांबाद की गलियों की सैर

डेल्ही वाक्स: जायकों के लुत्फ के साथ शाहजहांबाद की गलियों की सैर

पुरानी दिल्ली की हर एक गली अपने आप में इतिहास समेटे हुए है। जब इन गलियों से हम गुजरते हैं तो कहीं से जायकों की खुशबू आती है तो कहीं हाथों की बेहतरीन कारीगरी का नमूना आंखों में बस सा जाता है। कभी शाहजहांबाद के नाम से मशहूर इस शहर की इसी सांस्कृतिक विरासत को समझने और नई पीढ़ी को उससे रूबरू कराने के मकसद से इंडिया सिटी वाक्स ने बुधवार को डेल्ही वाक्स का आयोजन किया।
नेहरू ने पुराने मूल्‍य छोड़ेे, दीनदयाल ने इन्‍हें संभाल भाजपा को दिया आधार

नेहरू ने पुराने मूल्‍य छोड़ेे, दीनदयाल ने इन्‍हें संभाल भाजपा को दिया आधार

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने जवाहरलाल नेहरू पर हमला करते हुए कहा कि प्रथम प्रधानमंत्री का देश निर्माण का विचार पुरानी परंपराओं को छोड़ने और उनके स्थान पर आयातित विचारों को स्वीकार करने पर आधारित था। वहीं दूसरी ओर जनसंघ नेता दीनदयाल उपाध्याय ने भारतीय मूल्यों का संरक्षण करने का प्रयास किया।शाह ने कहा उपाध्याय को देश की पुरानी परंपराओं एवं मूल्यों के संंरक्षण में अटल विश्‍वास था। ऐसे विचारों ने ही भारतीय जनसंघ और बाद में भाजपा की स्थापना का मार्ग प्रशस्त किया।
पढ़ने की ऐसी ललक : 96 साल की उम्र में बने ग्रेजुएट

पढ़ने की ऐसी ललक : 96 साल की उम्र में बने ग्रेजुएट

विश्वविद्यालय से चीनी मिट्टी कला में स्नातक करने के साथ ही जापान के 96 वर्षीय एक व्यक्ति विश्व के सबसे अधिक उम्र में स्नातक करने वाले व्यक्ति बन गये हैं।
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