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मैगज़ीन डिटेल

प्रथम दृष्टि: विकट ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा

सरकारी अस्पतालों को सुदूर इलाकों में सुचारू रूप से चलाने के बेहतर उपाय तो ढूंढे ही जा सकते हैं। भगोड़े चिकित्सकों को बर्खास्त तो किया जा सकता है लेकिन न तो यह तात्कालिक समाधान लगता है, न ही दीर्घकालिक

बिहार: जाति का जायजा

केंद्र के इनकार के बाद बिहार में शुरू हुई जाति जनगणना के सियासी गुणा-गणित भी कई

जम्मू-कश्मीर: चुनाव की आस में गए चार साल

परिसीमन की रिपोर्ट जमा हो गई, 2022 भी निकल गया लेकिन भाजपा अब भी चुनाव करवाने से कर रही परहेज

हिमाचल प्रदेश: ‘पेंशन पुरुष’ की चुनौतियां

ओपीएस सहित बाकी चुनावी वादे निभाने के लिए उधारी की सीमा बढ़ाने को मजबूर नई सरकार

पंजाब: भ्रष्टाचार पर भारी नौकरशाह

ईमानदारी की राह पर चलने के लिए राज्य सरकार को अपने ही प्रशासनिक तंत्र के भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है

आवरण कथा: शिकस्त की आवाज

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के अनुसार खुदकशी के मामलों में भारत के शीर्ष पांच राज्यों के बीच मध्य प्रदेश इकलौता हिंदीभाषी राज्य है

आवरण कथा/त्रासदी: कर्ज की जिंदगी

बिहार से लेकर मध्य प्रदेश तक एमएसएमई उद्यमी हो रहे तबाह

आवरण कथा/बॉलीवुड: रूपहले परदे के पराजित चेहरे

वह क्या है, जो ग्लैमर जगत की चकाचौंध में कलाकारों को जिंदगी की रोशनी से परे मौत के अंधेरे में धकेल देता है

आवरण कथा: जो पीछे रह गए बेसहारा, उनकी सुध लेने वाला अब कौन?

मध्य प्रदेश में लिखे जा रहे ‘विकास’ के ‘नए अध्याय’ का हिस्सा वर्मा अब कभी नहीं बन पाएंगे

आवरण कथा/नजरिया: नीतियों ने किया बंटाधार

रोजगार, आमदनी, मांग, खपत सब घट रही है तो एमएसएमई की दुर्दशा से हैरानी क्यों

आवरण कथा/इंटरव्यू: “नोटबंदी से शुरू हुई तबाही”

एनसीआरबी के आंकडों में लगातार दूसरे साल कारोबारियों की आत्महत्या के आंकड़े किसानों से ऊपर दर्ज हुए तो अर्थव्यवस्था की हालात की डरावनी-सी तस्वीर उभरी

फिल्म: नाटू नाटू ... की जय हो!

स्लमडॉग मिलेनियर के गीत को अकादमी पुरस्कार के बाद आरआरआर फिल्म के गीत ने गोल्डन ग्लोब जीत कर सफलता के नए झंडे गाड़ दिए

सप्तरंग

ग्लैमर जगत की हलचल

जोशीमठ : दरकते पहाड़

अनियंत्रित शहरीकरण, पर्वतीय संसाधनों के दोहन की लालच और सैर-सपाटे की बढ़ती लिप्सा में वैज्ञानिक तथ्यों को दरकिनार करने का नतीजा अब सामने आया

जोशीमठ/नजरिया : ‘विकास’ का विनाश

विकास का भ्रम औसत लोगों को उतना नहीं, जितना ठेकेदारों ने उसका इस्तेमाल किया, सुप्रीम कोर्ट से भी गलतियां हुईं, पूरे उत्तरी भारत को इसके परिणाम भुगतने पड़ेंगे

जनगणना/इंटरव्यू/प्रणब सेन: “देरी की वजह शायद एनपीआर है”

जनगणना देश की जनसंख्या की कोई साधारण गिनती नहीं है

पत्र संपादक के नाम

भारत भर से आई पाठको की चिट्ठियां

शहरनामा/रेवाड़ी

रेवती के विवाह के बाद बलराम को दहेज में मिला था रेवा वाड़ी

स्मृति: भूमिका अभी बाकी थी!

पांच दशकों तक देश के सार्वजनिक जीवन में सक्रिय रहते हुए असाधारण भूमिका निभाने वाले प्रतिबद्ध समाजवादी, उत्कृष्ट सांसद, मौलिक चिंतक

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