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मैगज़ीन डिटेल

पुस्तक समीक्षाः लोक कला का कथानक

लेखक ने सदियों से चली आ रही इस मिथिला चित्रकला के आधुनिक अंतरराष्ट्रीय स्वरूप पर भी पुस्तक में काफी सामग्री दी है

दिल्ली: एक मुकदमा, सौ अफसाने

करीब चार दर्जन पढ़ने-लिखने वालों के यहां पड़े एकमुश्त छापे अप्रत्याशित और अभूतपूर्व

जनादेश' 23/ मध्य प्रदेश: रियासतों की सियासत

पिछले छह दशकों से प्रदेश की सियासत में सक्रिय 34 छोटे-बड़े राजघरानों में 7 कांग्रेस के और 12 भाजपा के साथ

छत्तीसगढ़: नक्सली गढ़ में पर्यटन

बंदूक के साये में रहने वाला गांव अब पर्यटकों से गुलजार है, बस्तर में बदलाव की अनूठी मिसाल

पंजाब: ‘मिनी पंजाब’ से उठतीं तल्ख हवाएं

भारत-कनाडा संबंध के बीच खालिस्तान पर अचानक उठा ज्वार पंजाब की घरेलू राजनीति के लिए बड़ी चुनौती

आवरण कथा/नजरिया: ब्रांड मोदी पर कितना फर्क

यह स्पष्ट नहीं है कि जाति जनगणना देश के स्तर पर कितना बड़ा मुद्दा बन पाएगी

आवरण कथा/इंटरव्यू/मनोज झाः ‘‘ये आंकड़े ड्राइंग रूम की शोभा बढ़ाने के लिए नहीं हैं’’

प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी से मैं आग्रह करूंगा कि आइए इन आंकड़ों को गले लगाइए, स्वागत करिए नए भारत, समावेशी भारत के निर्माण में

आवरण कथा/जाति जनगणना: मंडल-कमंडल का नया दंगल

एक दौर में तमाम महापुरुष और नेता जाति उन्मूलन की बात करते थे आज देश की समूची राजनीति ही जातियों को गिनने की धुरी पर आकर टिक गई है, बिहार की जातिवार गणना के आंकड़े सामने आने के बाद जो हलचल मची है वह देश के सामाजिक-राजनीतिक इतिहास में एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकती है, खासकर पांच राज्यों के चुनाव और अगले साल लोकसभा चुनाव में इसके अक्स दिखने की संभावना

क्रिकेट विश्व कप 2023: दस उभरते सितारे

विश्वकप के कुछ चुनिंदा खिलाड़ियों पर नजर

बॉलीवुड/इंटरव्यू/हंसल मेहता: ‘मैंने कभी न रोना रोया, न हार मानी’

। मेरी टीम इतनी शानदार है कि उनके होते हुए मुझे किसी भी काम में कोई दुश्वारी महसूस नहीं होती

सप्तरंग

ग्लैमर जगत की हलचल

जनादेश’ 23/पांच राज्य चुनाव: पहली लड़ाई के मोर्चे

पांच राज्यों के चुनाव लोकसभा चुनावों का अफसाना गढ़ेंगे और कई मुद्दों की परीक्षा साबित होंगे

खालिस्तान: उफान में किसकी शह?

ब्रिटेन में मुख्यधारा के मीडिया से लेकर डिजिटल माध्यमों में खालिस्तानियों का दखल स्पष्ट नजर आने लगा है जबकि ऋषि सुनक की कोई चुनावी मजबूरी नहीं

पुस्तक समीक्षा: सामाजिक-नैतिक जिम्मेदारी की बातें

एनॉटमी पर लिखा गया यह उपन्यास हिंदी साहित्य को नायाब तोहफा है

पुस्तक समीक्षाः सहज इच्छाओं का सामाजिक आख्यान

आकांक्षाओं का समाजशास्त्रीय आख्यान है नदी सिंदूरी

प्रथम दृष्टि: जाति सर्वेक्षण के बाद

हर पार्टी उसी अनुपात में हर जाति की नुमाइंदगी आश्वस्त करे जिस अनुपात में उसकी संख्या है। अगर हर दल में ऐसा करने का जज्बा दिखता है तो बिहार का जाति सर्वेक्षण देश की सियासत में मील का पत्थर साबित हो सकता है

संपादक के नाम पत्र

भारत भर से आई पाठको की चिट्ठियां

शहरनामा/सोनबरसा

मिथिला के कनार्ट वंश का शहर

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