पहलगाम हमले के बाद देश में पाकिस्तान के विरुद्ध ‘निर्णायक’ जंग लड़ने की मांग उठी है, ताकि आतंकवाद को जड़ से खत्म किया जा सके, लेकिन युद्ध कभी भी किसी मसले के समाधान का बेहतर विकल्प नहीं रहा है। आज के दौर में जंग सरहदों से इतर अन्य मोर्चों पर भी लड़ी जा सकती है
भाखड़ा नहर से अतिरिक्त पानी छोड़ने पर पंजाब सरकर भड़की, मुख्यमंत्री मान की मौजूदगी में नंगल जलाशय का फाटक बंद किया गया, दोनों राज्यों के सभी राजनैतिक दल अपने पक्ष पर अड़े
पहलगाम में आतंकी करतूत से समूचे देश के साथ सिहर उठे कश्मीर के लोग सड़कों पर उतर आए, 35 वर्षों में पहली बार कश्मीरी अवाम और हर रंग-पांत के नेता एक आवाज में बोल उठे, यह इंसानियत और कश्मीरियत पर हमला
पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद घाटी में लोगों ने मौन प्रार्थनाओं और स्वतःस्फूर्त प्रदर्शनों के साथ शोक व्यक्त किया और कहा कि दहशतगर्दी के लिए कोई जगह नहीं