नौकरियों का संकट बढ़ा तो एजुकेशन लोन बनाने लगा छात्रों को डिफॉल्टर, तीन साल में 51 फीसदी तक बढ़ गया एनपीए, अभिभावक और छात्र करने लगे कर्ज लेने से तौबा, लिहाजा देश के युवाओं को उच्च शिक्षा के प्रति आकर्षित करके बेहतर जिंदगी का सपना दिखाने के लिए धूम-धड़ाके से प्रचारित योजना सरकारी अदूरदर्शिता और कामचलाऊ रवैए की भेंट चढ़ गई
यह बजट फिस्कल, मॉनेटरी और पॉलिटिकल तीनों मोर्चों पर सरकार के लिए बड़ी परीक्षा साबित होने वाला है। अगर सरकार सुधारों से जुड़े फैसले पहले तीन साल में कर लेती तो राजनीतिक मोर्चे पर हालात सरकार के हक में ज्यादा दिखते
उच्च शिक्षा पर ध्यान दिए बिना नहीं दूर होगी शैक्षणिक बदहाली, रोजगार के अनुरूप शिक्षा विश्वविद्यालयों का काम नहीं, हुनर का पूरा विमर्श ही नालायकीकरण की ओर धकेलता है
बगैर जयललिता एआइएडीएमके में बिखराव की आशंका और उपचुनाव में डीएमके के निराशाजनक प्रदर्शन से रजनीकांत के लिए राजनीति में कदम रखने का मौका तो माकूल पर चुनौती बड़ी