दुनिया की बड़ी इकोनॉमी में शुमार होती हमारी अर्थव्यवस्था और अथाह डेटा पैदा करने वाले देशों में से एक होने के बावजूद हम डिजिटल दुनिया में निहत्थे खड़े हैं। बेशक, इसका खामियाजा भी हमें भुगतना पड़ सकता है
देश की अग्रणी ट्रैक्टर निर्माता कंपनी स्वराज में काम करने वाले 60 फीसदी इंजीनियर खेती-किसानी से जुड़े हुए हैं। यही कारण है कि कंपनी के ट्रैक्टर का नाम ‘मेरा स्वराज’ है। महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप की यूनिट स्वराज ट्रैक्टर मेक इन इंडिया की कसौटी पर पूरी तरह से खरी उतरती है। छोटे से लेकर बड़े किसानों के लिए उनकी जरूरत के अनुसार ट्रैक्टरों का उत्पादन करती है। स्वराज डिवीजन के सीओओ वीरेन पोपली से कंपनी की रणनीति सहित अन्य मुद्दों पर हमारे वरिष्ठ संवाददाता आर.एस. राणा ने खास बातचीत की, पेश हैं अंश...