सरकारी खजाने पर कामगारों, छोटे और मझोले उद्योगों का वाजिब हक, इसे बड़े उद्योगों को नहीं दिया जाना चाहिए, बल्कि उन्हें गरीबों के प्रति सामाजिक दायित्व निभाने को बाध्य किया जाना चाहिए
केंद्र और राज्य सरकारों में तालमेल हो और फैसले ऐसे हों जो महामारी से जिंदगियां और आजीविकाएं दोनों बचाने के बीच संतुलन बना सकें। क्षुद्र राजनीति और कुत्सित सांप्रदायिक कोशिशें देशहित में नहीं