नीतीश कुमार की एनडीए सरकार के खिलाफ सत्ता-विरोधी रुझान और बेरोजगारी से त्रस्त राज्य में सरकारी नौकरी के वादे ने हाल तक बेदम से दिख रहे तेजस्वी को न सिर्फ भारी भीड़ खींचने वाले नेता में बदला, बल्कि वे अतीत की पोटली भी झटकने में कामयाब हुए
कांग्रेस में भीड़ देख उत्साह तो भाजपा सरकार न खोने के लिए कांग्रेस के और विधायकों को इस्तीफा दिलवाकर अपने पाले में लाने में जुटी, लेकिन दोनों पार्टियों से ऊंचा दांव ज्योतिरादित्य सिंधिया का लगा
बिहार के मतदाताओं से ऐसी अपेक्षा तो की ही जा सकती है कि वे वैसे उम्मीदवारों को जरूर धूल चटाएं जो बाहुबल, जाति या पैसे की ताकत पर चुनाव जीतने के अरमान संजोए हुए हैं
यह समय परिवर्तनशील है, और कोविड-19 महामारी के बाद के काल में अनिश्चितताओं ने जिस तरह हमारे सामाजाकि-आर्थिक जीवन को प्रभावित किया है, उससे बी-स्कूल भी अछूते नहीं हैं।