जहां तक मंदिर बनवाकर चुनाव जीतने का सवाल है, तो देश में हजारों मंदिर-मस्जिद-चर्च जीर्ण-शीर्ण हालत में हैं। अगर उनका पुनर्निर्माण या पुनरोद्घार करके चुनाव जीते जाते तो हर शहर में उनकी हालत वैसी नहीं होती। चुनाव आम लोगों से जुड़े मुद्दों पर ही जीते जाते हैं
इस राष्ट्र-राज्य और लोकतंत्र से भी पांच गुना पुराना राम मंदिर का विवाद 22 जनवरी को हो रही प्राण-प्रतिष्ठा के बाद खत्म होगा या नए सिरे से जिंदा, यह सवाल पूरे समाज को मथ रहा है, कहीं बेचैनी और कहीं भक्ति की लहर
आइसीसी को पिचों पर ध्यान देने की दरकार वरना एक समय आएगा, जब मैदान, पिचें, टीमें, खिलाड़ी तो होंगे लेकिन फैंस क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप टेस्ट मैच से मुंह फेर लेंगे