पाठको की चिट्ठियां
हर चुनाव में नशा मुद्दा बनता है, मगर उसके बाद कुछ तबादलों से कर्मकांड पूरा हो जाता है और नशे का तांडव बढ़ता जाता है
आयरन लेडी’ के नाम से ख्यात हो रहीं कल्पना सोरेन ने पति हेमंत के लिए हर तरह से सहारा बनाए रखने का काम किया
हाथरस में केवल भगदड़ नहीं, स्वास्थ्य व्यवस्था की बदइंतजामी की भेंट भी चढ़ी हैं जिंदगियां
पूरे भारत में फैला पेपर लीक गिरोह का जाल, ताबड़तोड़ छापों और गिरफ्तारियों के बावजूद बड़ी मछलियां पकड़ से बाहर, आंदोलनरत छात्र बेहाल
मध्य प्रदेश की विधानसभा में मानसून सत्र भाजपा के लिए नर्सिंग घोटाले में 3,000 करोड़ रुपये की रिश्वतखोरी का सैलाब लेकर आया
राज्य का दर्जा और चुनाव की बाट जोह रहे लोगों को अब आश्वासन नहीं ठोस कदम चाहिए
विधानसभा चुनाव के गणित पर लोकसभा चुनाव का साया
इस देश में सरकारी परीक्षाओं के परचे लीक होते-होते अब संसद में बहस और सड़कों पर आंदोलन का बायस बन चुके हैं, सवाल व्यवस्था परिवर्तन तक आ चुका है, केंद्र और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी पर जवाबदेही और संघीयता की भावना को धता बताने के सवाल उठे
यह फाइनल लंबे समय बाद रोमांचकारी जीत के साथ-साथ दो श्रेष्ठ खिलाड़ियों के संन्यास के लिए भी याद किया जाएगा
हाल में कान महोत्सव में दक्षिण के इस राज्य ने जता दिया कि महिलाओं को साथ लेकर कैसे आगे बढ़ा जाता है
बड़े खिलाड़ियों पर आधारित फिल्में नहीं कर पाईं अपेक्षित कमाई, फीका रहा प्रदर्शन
बड़ा प्रश्न यह है कि जगह का अकाल विचारों को हिंदी में ही क्यों झेलना पड़ा
विकिलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज चौदह साल के वनवास के बाद मुक्त होकर घर पहुंच गए हैं, लेकिन उनके किए और कहे से हमने कुछ सीखा है क्या?
बच्चों को मातृभाषा में स्कूली शिक्षा मिले, तो कई बोलियों और भाषा को लुप्त होने से बचाया जा सकता है
ये हिंदी कविताएं संग्रह के सोलह पृष्ठों में समाहित होकर ग्यारह भारतीय भाषाओं में दो सौ इक्कीस पृष्ठों में अपना रचना संसार रचती हैं
रजा फाउंडेशन की लेखकों-कलाकारों की जीवनी माला योजना के तहत प्रकाशित इस पुस्तक में मुक्तिबोध के जीवन के संबंध में अनेक अनछुए प्रसंगों को पेश किया है
प्रियंवद सारे पत्रों के तफ्तीश में जाते हैं और ज्ञानरंजन से जवाब तलब करने से भी बाज नहीं आते
अगर बिना मेधा वाले परीक्षार्थी अवैध जुगत लगाकर प्रवेश परीक्षाओं में उतीर्ण होते हैं, तो वे उन छात्रों की हकमारी करते हैं जो उसके असली हकदार हैं
ग्लैमर जगत की खबरें
पहलेजा घाट के इतिहास को अगर ढूंढा जाए, तो यह मौर्य और गुप्त काल के समय से दिखाई देता है