Advertisement
मैगज़ीन डिटेल

हाथरसः भक्ति का ‘काल’

हाथरस में केवल भगदड़ नहीं, स्वास्थ्य व्यवस्था की बदइंतजामी की भेंट भी चढ़ी हैं जिंदगियां

पंजाबः चुनाव बीता, नशा हुआ बेलौस

हर चुनाव में नशा मुद्दा बनता है, मगर उसके बाद कुछ तबादलों से कर्मकांड पूरा हो जाता है और नशे का तांडव बढ़ता जाता है

झारखंड: मजबूत मौजूदगी

आयरन लेडी’ के नाम से ख्यात हो रहीं कल्पना सोरेन ने पति हेमंत के लिए हर तरह से सहारा बनाए रखने का काम किया

आवरण कथा/ बिहार-झारखंडः मुखिया फरार कारिंदे अंदर

पूरे भारत में फैला पेपर लीक गिरोह का जाल, ताबड़तोड़ छापों और गिरफ्तारियों के बावजूद बड़ी मछलियां पकड़ से बाहर, आंदोलनरत छात्र बेहाल

आवरण कथा/मध्य प्रदेश: अब सीबीआइ घोटालेबाज

मध्य प्रदेश की विधानसभा में मानसून सत्र भाजपा के लिए नर्सिंग घोटाले में 3,000 करोड़ रुपये की रिश्वतखोरी का सैलाब लेकर आया

कश्मीर: ‘जल्द’ की मियाद

राज्य का दर्जा और चुनाव की बाट जोह रहे लोगों को अब आश्वासन नहीं ठोस कदम चाहिए

महाराष्ट्रः महायुति में हलचल

विधानसभा चुनाव के गणित पर लोकसभा चुनाव का साया

आवरण कथा/परीक्षा घोटालेः धांधली ‘मॉडल’

इस देश में सरकारी परीक्षाओं के परचे लीक होते-होते अब संसद में बहस और सड़कों पर आंदोलन का बायस बन चुके हैं, सवाल व्यवस्था परिवर्तन तक आ चुका है, केंद्र और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी पर जवाबदेही और संघीयता की भावना को धता बताने के सवाल उठे

क्रिकेटः 17 साल बाद जीता विश्व

यह फाइनल लंबे समय बाद रोमांचकारी जीत के साथ-साथ दो श्रेष्ठ खिलाड़ियों के संन्यास के लिए भी याद किया जाएगा

फिल्म/केरल से कान: मलयाली औरतों का झंडा

हाल में कान महोत्सव में दक्षिण के इस राज्य ने जता दिया कि महिलाओं को साथ लेकर कैसे आगे बढ़ा जाता है

फिल्मः परदे पर नहीं भा रहा खेल

बड़े खिलाड़ियों पर आधारित फिल्में नहीं कर पाईं अपेक्षित कमाई, फीका रहा प्रदर्शन

विमर्शः हुआ क्या है हिंदी को

बड़ा प्रश्न यह है कि जगह का अकाल विचारों को हिंदी में ही क्यों झेलना पड़ा

अभिव्यक्ति का मामलाः एक रिहाई सौ सवाल

विकिलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज चौदह साल के वनवास के बाद मुक्त होकर घर पहुंच गए हैं, लेकिन उनके किए और कहे से हमने कुछ सीखा है क्या?

साहित्य: भाषा की वाचिक परंपरा

बच्चों को मातृभाषा में स्कूली शिक्षा मिले, तो कई बोलियों और भाषा को लुप्त होने से बचाया जा सकता है

पुस्तक समीक्षाः भाषा-बंधन तोड़ती कविताएं

ये हिंदी कविताएं संग्रह के सोलह पृष्ठों में समाहित होकर ग्यारह भारतीय भाषाओं में दो सौ इक्कीस पृष्ठों में अपना रचना संसार रचती हैं

पुस्तक समीक्षाः मुक्तिबोध और फासिज्म

रजा फाउंडेशन की लेखकों-कलाकारों की जीवनी माला योजना के तहत प्रकाशित इस पुस्तक में मुक्तिबोध के जीवन के संबंध में अनेक अनछुए प्रसंगों को पेश किया है

पुस्तक समीक्षाः ऊष्मा से भरे खत

प्रियंवद सारे पत्रों के तफ्तीश में जाते हैं और ज्ञानरंजन से जवाब तलब करने से भी बाज नहीं आते

प्रथम दृष्टि: मेधा पर ग्रहण

अगर बिना मेधा वाले परीक्षार्थी अवैध जुगत लगाकर प्रवेश परीक्षाओं में उतीर्ण होते हैं, तो वे उन छात्रों की हकमारी करते हैं जो उसके असली हकदार हैं

पत्र संपादक के नाम

पाठको की चिट्ठियां

सप्तरंग

ग्लैमर जगत की खबरें

शहरनामाः पहलेजा घाट

पहलेजा घाट के इतिहास को अगर ढूंढा जाए, तो यह मौर्य और गुप्त काल के समय से दिखाई देता है

Advertisement
Advertisement
Advertisement