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मैगज़ीन डिटेल

जनादेश ’24 / मध्य प्रदेश: ईवीएम बंद, बेचैनी बढ़ी

कांग्रेस ले पाएगी पिछले हार का बदला या भाजपा होगी कामयाब? महिला वोटरों के मतदान में 12 प्रतिशत गिरावट से नतीजों को लेकर शंकाएं

जनादेश ’24 छत्तीसगढ़ः नतीजे चौंका सकते हैं

बढ़ा हुआ मतदान किसी एक राजनैतिक दल और उसके उम्मीदवार के पक्ष में जा सकता है

जनादेश ’24 / पंजाब: दल बदलुओं का दलदल

हर दल से खड़े हुए दल बदलू उम्मीदवारों ने चुनाव को चौतरफा, दिलचस्प और अनिश्चित बना दिया है

जनादेश ’24 / हरियाणा: किसान, जवान, युवा कसौटी

पूर्व मुख्यमंत्री मनोहरलाल से लेकर भाजपा के दिग्गज नेताओं को गांवों से लौटा रही जनता इस बार बदलाव के मूड में

जनादेश ’24/हरियाणा/इंटरव्यू/भूपेंद्र सिंह हुड्डा: ‘चुनाव जनता और सरकार के बीच है’

पार्टी की कमान इस बार पूरी तरह पूर्व मुख्यमंत्री तथा नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हाथ है

जनादेश ’24/हिमाचल प्रदेश /इंटरव्यू/ सुखविंदर सिंह ‘सुक्खू: मंडी के अलावा हम एकाध सीट और जीतेंगे

पार्टी के भीतर चले सत्ता-संघर्ष के बीच मुख्यमंत्री सुक्खू ने गजब का धैर्य दिखाया

जनादेश ’24 नजरिया: तीसरी बारी क्यों

विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भ्रष्टाचार और संविधान बदलने तथा आरक्षण खत्म करने का आरोप लगाकर देश की जनता को गुमराह नहीं कर सकता

जनादेश ’24 झारखंड: हवा का रुख दोतरफा

आम चुनाव जैसे-जैसे समापन वाले चरण की ओर बढ़ रहा है राज्य में चुनावी रंग दिलचस्प होता जा रहा है

जनादेश ’24 पश्चिम बंगाल: ममता दीदी की दुखती रग

इस चुनाव में अपनी पार्टी के नेताओं का भ्रष्टाचार ही ममता की सबसे बड़ी चुनौती

आम चुनाव ’24/आवरण कथा: किस ओर बैठेगा जनादेश

बड़े राज्यों में कांटे के मुकाबले के मद्देनजर 4 जून को नतीजों के दिन ईवीएम से निकलने वाला जनादेश लगातार तीसरी बार एनडीए को गद्दी सौंपेगा या विपक्षी गठजोड़ ‘इंडिया’ के पक्ष में बदलाव की बानगी लिखेगा, यह लाख टके का सवाल देश की सियासत की अगली धारा तय करेगा

आम चुनाव ’24/आवरण कथा/बिहार: नीतीश फैक्टर

क्या नीतीश इस चुनाव में अप्रासंगिक हो गए हैं

आम चुनाव ’24/आवरण कथा/राजनैतिक पीआर: चुनाव बना कंसल्टेंसी प्रोजेक्ट

द इकनॉमिक एंड पॉलिटिकल वीकली में छपे लेख ‘द इमर्जेंस ऑफ पॉलिटिकल कंसल्टिंग’ के मुताबिक 2014 में यह इंडस्ट्री करीब 350 करोड़ रुपये की थी

आम चुनाव ’24/आवरण कथा/नजरिया: क्या बदलाव होने वाला है?

इस बार उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव में सवर्णों को अपने धर्म और वर्चस्व की चिंता दिख रही है, तो अवर्ण समाज के दिल को संविधान और लोकतंत्र का मुद्दा छू रहा

क्रिकेट: अगला द्रोण कौन

टीम इंडिया में अर्जुन तो बहुत, उन्हीं को संवारने के लिए एक ऐसे कोच की तलाश, जो टीम को तकनीकी-मानसिक मजबूती दे सके

फिल्म: आजाद तवायफ तराना

तवायफों पर आई नई वेबसीरीज हीरामंडी ने फिर कोठेवालियों और देवदासियों के साथ हिंदुस्तानी सिनेमा के रिश्तों की याद दिलाई

सप्तरंग

ग्लैमर जगत की खबरें

1857 विद्रोह वर्षगांठ: ‘झंडा सलामी गीत’ और राष्ट्रीयता का विचार

1857 का विद्रोह कभी भी सीधा और सरल विचार नहीं रहा, इसके मूल में राष्ट्रीयता का विचार था, जिसे याद करना आज अधिक प्रासंगिक है

पुस्तक समीक्षाः समय की गति की परख

इस संग्रह का महत्वपूर्ण पक्ष यह है कि कवि यहां अस्तित्ववाद के प्रश्नों से रूबरू होते हैं

पुस्तक समीक्षाः प्रकृति का सान्निध्य

नए संग्रह में पाठक कवयित्री की चेतना को भिन्न पड़ावों से होकर गुजरने की यात्रा को बखूबी देख सकते हैं

पत्र संपादक के नाम

पाठको की चिट्ठियां

शहरनामा: जौनपुर

शिक्षा और इत्र की खुशबू वाला शहर

प्रथम दृष्टि: जो जीता वही बेहतर!

जिस देश में इतनी विविधता हो और जहां हर चुनाव क्षेत्र के स्थानीय मुद्दे अलग-अलग होते हों, वहां चुनाव परिणाम की भविष्यवाणी करना बेशक मुश्किल है

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