मोदी समर्थक और मोदी विरोधियों की दो-टूक सियासी बंटवारे की यह आंधी तो सौ साल के इतिहास में कभी नहीं दिखी, फिल्मोद्योग में सियासी खेमेबंदी काफी कड़वाहट भी पैदा करने लगी है, जिसके नतीजे दिख सकते हैं आगे भी
हाल के दौर में 500 से ज्यादा फिल्मों के दिग्गज अभिनेता अनुपम खेर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कट्टर समर्थक बनकर उभरे हैं। जब मोदी विरोधी फिल्म और थिएटर कलाकारों ने इस संसदीय चुनाव में एनडीए सरकार को सत्ता से हटाने के लिए वोटरों के नाम संयुक्त अपील जारी की, तो इसके खिलाफ आवाज बुलंद करने वालों में अनुपम सबसे पहले थे। गिरिधर झा से बातचीत में खेर कहते हैं कि हर किसी को राय जाहिर करने का हक है। कुछ अंशः
इस आरोप के बाद प्रधान न्यायाधीश ने जैसा रुख दिखाया, उससे न्याय-व्यवस्था की निष्पक्षता पर लोगों का भरोसा डगमगा गया, आखिर न्यायाधीशों को सीजर की पत्नी की तरह संदेह से परे होना चाहिए
दशकों पुराने मूल्य आधार पर सब्सिडी की गणना होने से भारत की सब्सिडी बहुत ज्यादा है इसलिए गणना के तरीके को तार्किक बनाने की सख्त जरूरत, वरना इसका खामियाजा भारतीय किसानों को उठाना पड़ सकता है