जब देश और दुनिया में स्थितियां सामान्य थीं, तो स्वावलंबन को मजबूत करने से किसने रोका था और जब नीतियां बेहतर थीं तो करोड़ों गरीब मजदूरों को पैदल चलकर अपने गांव क्यों लौटना पड़ा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 12 मई को राष्ट्र को संबोधन में देश की अर्थव्यवस्था को कोविड-19 महामारी से उबारने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के भारी-भरकम राहत पैकेज की घोषणा के बाद से ही समाचार माध्यमों में लगातार बड़ी सुर्खियां बन रही हैं।
लॉकडाउन के दो महीने में हमारे आइटी प्रोजेक्ट तेजी से बढ़े हैं। ई-गवर्नेंस के माध्यम से आखिरी छोर के गरीब आदमी को सरकारी स्कीमों का सीधा लाभ मिला है। हमारी पारदर्शी सरकार है