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मैगज़ीन डिटेल

हवा-हवाई के अच्छे दिन

कम से कम हवाई-यात्रा के अच्छे दिन तो नए साल से आ ही जाएंगे, भले ही 15 लाख का कालाधन अभी तक बैंक में नहीं आ पाया हो। सरकार ने उड़ान योजना की दुंदुभि बजा दी है। आम आदमी को आधे दामों में उडऩे से अब कोई नहीं रोक सकता।

'बुद्धा सर्किट’ की तर्ज पर बनेगा 'श्रीकृष्णा सर्किट’

गीता महोत्सव के बहाने कुरुक्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय ख्‍याति दिलाने की कोशिश

चिन्नम्‍मा की चुनौतियां

शशिकला ने खुद के लिए चिन्नम्‍मा यानी छोटी मां का संबोधन तो ले लिया, क्‍या वह अम्‍मा की विरासत संभाल पाएंगी

प्यारी हैं शादी की रंग-बिरंगी रस्में

विविधताओं से भरे भारत में विवाह परंपराओं में भी उतनी ही विविधता दिखती है। कुछ लोकाचार और शास्त्रोक्‍त पद्धतियां मिलकर विवाह संस्कार को पूर्ण बनाती हैं

विराट नायक

भारतीय कप्तान विराट कोहली टीम को ऐसे मुकाम पर ले आए हैं जहां व्यक्तितगत रिकॉर्ड नहीं, टीम का प्रदर्शन और जीत मायने रखती है

अलग हट कर रचते थे अजीत

हिंदी फिल्मों में 80 का दशक संगीत के मामले में श्रेष्ठ नहीं माना जाता। अपवादों को छोडक़र मुख्‍यत: डिस्को, एक्‍शन के इस दौर में संगीत के नाम पर शोर-गुल अधिक मिलता है।

इंटरनेट का अंडरवर्ल्ड

डार्क वेब पर हत्या, ड्रग्स, बाल यौन की मंडी सजी, भारत सरकार को सचेत होने की जरूरत

कांग्रेस में मची है रार, कैसे बचेगी राज्यों में

राज्यों में कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति गरमाई, मामले आलाकमान के सामने, फैसले न होने से दुखी हैं नेता-कार्यकर्ता

बाल अधिकारों के लिए संकल्प

नोबेल पुरस्कार विजेताओं और विश्व नेताओं ने लॉरिएट्स एंड लीडर्स सम्‍मेलन में जताई प्रतिबद्घता, बच्चों के अधिकार के लिए प्रस्ताव हुए पारित

संघ-सरकार के वरदहस्त से जयकार

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, नेशनल बुक ट्रस्ट जैसे संगठनों के मुखिया निरंतर विवादों में

सरकारी प्रचार में मनमानी और भ्रष्टाचार पर तलवार

कैबिनेट सचिव ने परिपत्र जारी कर मंत्रालयों को भी चेताया है कि वे विज्ञापन जारी करने के मसले पर डीएवीपी की नीतियों की नजरअंदाजी न करें।

सत्ता की साख पर अविश्वास

लोकतंत्र में जनता जनार्दन किसके भरोसे संघर्ष और सफलता के लिए कदम आगे बढ़ाती है? प्रधानमंत्री, सर्वोच्च अदालत के न्यायाधीश, भारतीय सेना के प्रमुख, सी.बी.आई. के प्रमुख, डॉक्‍टरों की योग्यता एवं आचार संहिता तय करने वाली मेडिकल काउंसिल, राज्यों के मुख्‍यमंत्री और उनके संवैधानिक संरक्षक राज्यपाल, अधिक भक्तित भाव होने पर बड़े धर्मगुरु या समय-समय पर उभरने वाले नामी समाजसेवी पर। लेकिन इस समय हाल क्‍या है?

कांग्रेस का दिवालियापन

कांग्रेस की हालत इतनी खस्ता हो गई है कि हाल ही में मध्य प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में उम्‍मीदवारों को पैसे ही नहीं दिए गए।

मुक्ति की दस्तक

सुपरिचित कथाकार निर्मला भुराडिय़ा ने अपने उपन्यास गुलाम मंडी में देह व्यापार और किन्नरों की समस्या को प्रभावी ढंग से उठाया है।

वोटर माता की भागीदारी

हाल ही में हुए बिहार चुनाव में महिला मतदाताओं ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। महिलाओं का एक बड़ा तबका वोट देने पहुंचा और चुनावी नतीजों में सशक्‍त भागीदारी निभाई। राजनीति की इसी नई इबारत पर दिल्ली विश्वविद्यालय की सहायक अध्यापक प्रतिष्ठा सिंह ने वोटर माता की जय पुस्तक लिखी है।

डिफॉल्टर

आकाशवाणी में उद्घोषक। कहानी की तीन किताबें, चौराहे पर सीढिय़ां, धूप के आईने में और जादू भरी लडक़ी। कविता संग्रह बातें बेवजह। फोन: 9414209।98

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