पाठको की चिट्ठियां
आयकर छापे में करोड़ों की नकदी की बरामदगी पर भाजपा का हल्ला बोल, मगर कांग्रेस ने झाड़ा पल्ला
राजनैतिक फलक पर नेताओं की नई पांत की आमद
तौलपुइ गांव में एक किसान परिवार में 22 फरवरी 1949 को जन्मे ललदुहोमा मिजोरम की राजनीति में कोई नए नहीं हैं
साय के शब्दकोश में नाराजगी शब्द नहीं है
एक तेजतर्रार युवा नेता, जो सबको साथ लेकर चलता है
भजन लाल शर्मा बीते तीन दशक में हरिदेव जोशी के बाद राजस्थान के दूसरे ब्राह्मण मुख्यमंत्री बने हैं
जो 41 लोग बचाए गए वे मजदूर हैं, जिन 12 ने बचाया वे भी मजदूर हैं, दोनों ही सामाजिक व्यवस्था के हाथों मजबूर, सवाल इन्हें नायक बनाने से आगे का है
कासगंज और बुलंदशहर के रहने वाले मजदूर मानते हैं कि मीडिया की पूछ बंद हो जाए तो जिंदगी गड्ढे में ही कटनी है
अंधेरी सुरंग में सत्रह दिन के पीड़ादायक अनुभव
जान जोखिम में डालकर दूसरों की सुविधा का इंतजाम करने वाले निम्न वर्ग के मजदूरों की जिंदगी खुद अंधेरी सुरंग में कैद
धनबाद के दर्जनों गांवों के बाशिंदों के लिए रोजगार का संकट उन्हें अवैध खनन की ओर ले जाता है
सिलक्यारा सुरंग हादसे ने हिमालयी क्षेत्र में चल रहे सड़क चौड़ीकरण पर ही प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए
लगातार नाउम्मीद होती जाती दुनिया में उम्मीद, और बस उम्मीद ही एक कामगार की घड़ी को टिकटिक करते हुए चलने की प्रेरणा दे सकती है
हार्दिक पंड्या के मुंबई इंडियंस में जाने पर बहस छिड़ी कि पैसे के लिए नई टीम में जाना कितना सही
आठ दिवसीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का 54वां संस्करण नए निर्देशकों, अनूठी फिल्मों और बेहतरीन कलाकारों से गुलजार रहा
ग्लैमर जगत की खबरें
संसद से रिकॉर्ड संख्या में सांसदों का निलंबन और हाल की कई विधायी घटनाओं से केंद्रीकरण बढ़ने और संसदीय लोकतंत्र पर खतरे की आशंका
निष्कासन के खिलाफ महुआ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई हैं, जहां सुनवाई होनी है
खदानों में जीवन का रंग भरता शहर
इस मिशन के सफल होने के बाद भी उनकी अपनी जिंदगी में बहुत कुछ बदलने वाला नहीं। उन्हें कुछ दिनों बाद भुला दिया जाएगा जैसे हर आपदा के बाद उनके जैसे कई नायकों को भुला दिया जाता है। उन्हें न सिर्फ याद रखा जाना चाहिए, बल्कि उनके लिए भी कुछ किया जाना चाहिए