नवीन पटनायक की यह राजनैतिक जीवनी वह वृतांत है कि राज्य में आए एक महा चक्रवात ने कैसे समूची राजनैतिक बिरादरी की साख लूट ली और ओडिया लोगों को कैसे बीजू बाबू के इस वारिस में मसीहा का रूप दिखने लगा
प्रधानमंत्री को इस बार लाल किले की प्राचीर से अपनी तमाम उपलब्धियों, नीतियों, कार्यक्रमों और न्यू इंडिया व बदलते भारत की प्रगति का हिसाब भी देना चाहिए। इससे लोगों को भरोसा रहेगा कि नेतृत्व अपने वादों पर कितना गंभीर है