सत्तर वर्षों से महान लोकतंत्र के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति हमें ही नहीं पूरी दुनिया को सुनाते-समझाते रहे कि उनके पास क्रांतिकारी बदलाव के लिए जादुई छड़ी नहीं होती। इसलिए जनता धैर्य के साथ उन्हें सामाजिक-आर्थिक परिवर्तनों के लिए समय दे। लेकिन नवंबर, 2016 में चमत्कार हो गया। लगभग डेढ़ अरब आबादी वाले विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश-भारत के प्रधानमंत्री ने 8 नवंबर की रात 8 बजे टी.वी. पर घोषणा के साथ अपने मंत्रियों सहित जनता को बता दिया कि 'जादुई छड़ी’ की तरह संपूर्ण अर्थव्यवस्था और सामाजिक सोच को 'नए रास्ते’ पर ले जाया जा सकता है।
अपने असाधारण व्यक्तित्व से समाज में उदाहरण बनने वाली हस्तियों को दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में 'स्माइल इवनिंग’ के दौरान सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में लक्ष्मी (2005 में दिल्ली के खान मार्केट में एसिड हमले की शिकार युवती), भावना रेड्डी (कुचपुड़ी नृत्यांगना), रणवीर सैनी (विशेष ओलंपिक में गोल्फ के स्वर्ण विजेता), तमन्ना चोना (स्कूल तमन्ना और नई दिशा), जस्सी (लोक गायक), संजय भट्टाचार्या (कलाकार) और मनीषा भसीन (शेफ, आईटीसी बुखारा) को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन डॉ. एकता चड्ढा ने किया था।
रक्षा खरीद में देरी के आरोपों पर यह समझने की जरूरत है कि हम पड़ोस की दुकान से भाजी नहीं खरीद रहे हैं। हथियारों का आर्डर देने के बाद आपूर्ति में,-8 साल तक का समय लग जाता है
ग्वालियर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाओं का एक कार्यक्रम था। मंच पर संघ प्रमुख गुरु जी यानी माधव सदाशिव गोलवलकर मौजूद थे। एक स्वयंसेवक को रचना पढऩे का आदेश हुआ और उसने ओजस्वी स्वर में कविता पढऩी शुरू की