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आउटलुक 9 अक्टूबर 2017 | Sep-25-2017

फास्ट ट्रैक पर रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर

तमाम अड़चनों और वित्तीय बाधाओं से बाहर निकालने के उपायों से हाइवे और एक्सप्रेसवे निर्माण में गजब की रफ्तार, पर सावधानी की फिर भी दरकार और कई सवाल भी सामने

अजीत सिंह

आउटलुक 25 सितंबर 2017 | Sep-11-2017

समीकरणों की साज-संभाल

मोदी मंत्रिमंडल के फेरबदल के कई सियासी फलक मगर सवाल बरकरार कि यह कितना कारगर

जयशंकर गुप्त

11 सितम्बर 2017 | Aug-28-2017

हंसी की बलैया लेता बाजार

वक्त बदल रहा है, तंज और व्यंग्य सिमट रहा है तो स्टैंड-अप कॉमेडियन की वनलाइनर का बाजार बेतहाशा उछाल ले रहा है और चांदी काटने का धंधा बन रहा

आलोक पुराणिक

आउटलुक 28 अगस्त 2017 | Aug-14-2017

आदर्शवाद, विचारधारा और सर्वसत्तावादी राजनीति

आदर्शवाद और विचारधारा चचेरे भाई जैसे हैं। सामान्य दौर में वे एक-दूसरे की अतियों पर अंकुश रखते हैं लेकिन फिलहाल भारत में यह सामान्य समय नहीं है, इस दौर में आदर्शों को झुठलाने के लिए राजनीति विचारधारा का इस्तेमाल करने लगी है

आशीष नंदी

आउटलुक 14 अगस्त 2017 | Jul-31-2017

पिछड़े नेतृत्व से हारा पिछड़ा वर्ग

पिछड़े नेताओं की आकांक्षा अमूमन एक प्रदेश की जाति-विशेष के नेता बने रहने से आगे बढ़ ही नहीं पाई, ऐसे नेतृत्व के चलते देश में पिछड़ी जातियों के उभार की क्रांतिकारी संभावनाएं छीज गईं

योगेन्द्र यादव

आउटलुक 31 जुलाई 2017 | Jul-17-2017

मिल पाएगी मोदी को चुनौती

लुंजपुंज विपक्ष मोदी को चुनौती दे पाएगा, फिलहाल इसकी संभावना क्षीण, लेकिन राजनीति 'संभावना की कला’ है और कल को उठ खड़ा हो सकता है विपक्ष भी

कुलदीप कुमार

आउटलुक17 जुलाई 2017 | Jul-03-2017

बुद्धिहीनता के 'विश्वविद्यालय’

वाट्सऐप और आभासी दुनिया के दूसरे 'विश्वविद्यालयों’ में जिस 'ज्ञान’ का निर्माण और वितरण हो रहा है, वह समाज में तेजी से वायरल हो रही बुद्धिहीनता का ही प्रमाण

पुरुषोत्तम अग्रवाल

आउटलुक हिंदी 3 जुलाई 2017 | Jun-19-2017

बदल रहा है किसान

लगातार बदहाल होती आर्थिक स्थिति और सरकारी वादों से नाउम्मीद किसान आखिर उठ खड़ा हुआ

हरवीर सिंह

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