Advertisement
मैगजीन
आउटलुक 5 दिसंबर | Nov-21-2016

नोट की छपाई का तिलस्मी धंधा

दुनिया में करंसी नोट की छपाई पर कुछ कंपनियों का एकाधिकार है। इसके कारण नोटों की सुरक्षा हमेशा दांव पर रहती है

मन मोहन

आउटलुक 21 नवंबर | Nov-07-2016

दंगल से मंगल की कामना

अकसर बातचीत में तुरुप के पत्ते की मिसाल देने वाले अखिलेश तो दरअसल मिट्टी के अखाड़े के पहलवान निकले। साढ़े चार साल तक विरोधियों के तमाम वार सहने के बाद उन्होंने पलट कर ऐसा दांव मारा कि मूंछों पर ताव देने वाले पहलवानों में उनके विकास रथ के पीछे खड़े होने की होड़ लग गई है।

आलोक मेहता और अमितांशु पाठक

आउटलुक 7 नवंबर | Oct-24-2016

अनछुए ठिकानों पर मौज मेला

देश के कोने-कोने में ऐसे पर्यटनस्थल उपलब्ध हैं जो न सिर्फ देखने में खूबसूरत हैं बल्कि दुनिया के कई पयर्टन स्थलों से भी बेहतर हैं, बस जरूरत है तो उस जगह को तलाश करने की

कुमार पंकज

आउटलुक 24 अक्टूबर | Oct-10-2016

संघ की सत्ता या सत्ता का संघ

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस वर्ष विजयादशमी पर अपना 91 वां स्थापना दिवस मना रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लिए यह यात्रा इतनी आसान और आरामदायक नहीं थी। दो बड़े प्रतिबंधों के बावजूद अपने मजबूत संगठन के सहारे यह न सिर्फ उठ खड़ा हुआ बल्कि पूरे देश में 50 हजार से ज्यादा शाखाएं स्थापित कीं

आकांक्षा पारे काशिव

आउटलुक 10 अक्टूूबर | Sep-26-2016

बोल आसान, बम मुश्किल

आतंकवाद का अजगर अगर मुंह फैलाता रहा तो भारतीय सेना उसे कुचलने के लिए आगे बढ़ सकती है। तब चीन भी पाकिस्तान को आधे रास्ते में छोड़ देगा। अमेरिका तो अपने स्वार्थों के बावजूद उसे चेतावनी देता रहता है।

आलोक मेहता

आउटलुक 26 सितंबर | Sep-12-2016

दागदार टोपी

डेढ़ साल में आधे मंत्री हटाने पड़े, दो दर्जन के करीब विधायक आपराधिक मामलों में पुलिस के घेरे में, पंजाब में मोर्चा संभाले नेताओं पर पैसा वसूलने और यौन शोषण के आरोप, आम आदमी पार्टी सचमुच बड़ी मुश्किल में है

सुमन कुमार

आउटलुक 1 अगस्त | Jul-18-2016

कमाई के दंगल में कहा हैं असली सुल्तान

मैट तक पहुंची पहलवानी से कुश्ती का ककहरा सिखाने वाले मिट्टी के अखाड़ों को मिल रही तगड़ी चुनौती

रवि अरोड़ा/ हरिश्चन्द्र यादव

आउटलुक 18 जुलाई | Jul-04-2016

डिग्री से होता बदलाव

कॉमन मेडिकल टेस्ट संभावित है, इंजीनियरिंग के लिए नंबर चाहिए। आउटलुक की प्रतिष्ठित सूची में नए नामों की भरमार है। तो देखें क्या‍ कोलाहल है

अरिंदम मुखर्जी

Advertisement
Advertisement
Advertisement