साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भाजपा और कांग्रेस दोनों की दलित वोटों और खासकर ग्वालियर-चंबल संभाग की सीटों पर नजर
अनुच्छेद 370 का मुद्दा न उठाने से कोई भी राहुल गांधी से नाराज नहीं दिखता, कांग्रेस ने लोकतंत्र बहाली को मुद्दा बनाया
राज्यपाल ने 1932 के भूमि सर्वे के मुताबिक डोमिसाइल नीति तय करने जैसे कई विधेयक लौटाए तो हेमंत सरकार से टकराव चरम पर
चुनाव पूर्व कांग्रेस की 10 गारंटी और ‘व्यवस्था परिवर्तन’ के वादे पर मुख्यमंत्री राज्य की माली हालत की वजह से मुश्किल में
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू की सजा की तय अवधि से पहले रिहाई को आम आदमी पार्टी की भगवंत मान सरकार की मुहर नहीं लग पाई
दुनिया भर में पैर पसार रहे साइबर अपराध का नया वेरिएंट सेक्सटॉर्शन या रोमांस फ्रॉड हाल में भारत में तेजी से हजारों लोगों से करोड़ों ऐंठने और खुदकशी का कारण बना, लेकिन न सिर्फ हमारे कानून नाकाफी, बल्कि पुलिस और सरकारी उदासीनता भी इस अपराध में बढ़ोतरी की वजह
क्रिमिनल किसी लड़की का फेसबुक एकाउंट बनाते हैं और किसी को भी रिक्वेस्ट भेजकर बातचीत करने लगते हैं
बहुराष्ट्रीय कंपनियों के अधीन प्राइवेसी और वर्जनाओं के सांस्कृतिक वातावरण में डिजिटल यौन अपराधों का जटिल समाजशास्त्र
जहां एक तरफ इससे दुनिया इनसान की उंगलियों पर आ गई है, वहीं दूसरी तरफ एक क्लिक पर उसकी मेहनत की गाढ़ी कमाई लुटने का खतरा भी बढ़ गया है
ऐसे संगीन साइबर अपराध के लिए आइटी कानून बेमानी, नए कानून में गैर-जमानती धाराओं और कड़ी सजा के प्रावधान होना चाहिए
सेक्सटॉर्शन के ज्यादातर मामले रिपोर्ट नहीं होते हैं
यादव गजब के शॉट्स खेलते हैं, लेकिन टीम में जगह बनाने के लिए काफी पापड़ बेलने पड़े
पठान से यशराज फिल्म्स के साथ-साथ मंदी के दौर से गुजर रहे बॉलीवुड को भी मिली नई संजीविनी, स्पाई यूनिवर्स की फिल्मों ने साबित किया कि जेम्स बॉण्ड की खराब नकल नहीं
इंग्लैंड के छोटे से सुंदर कस्बे में है कविताई दवाखाना, जहां हर मर्ज की तो नहीं मगर हां, टूटे दिलों, अवसाद, तनाव और जिंदगी की भागदौड़ का इलाज जरूर मिल जाता है
इतिहास के सबसे विनाशक भूकंपों में गिने जाने वाली इस आपदा में अभी तक की जानकारी के मुताबिक, कोई छह हजार के आसपास जानें सीरिया में गईं, जबकि बाकी तुर्की में
नाटक में गालिब के साथ एक खुलेपन का बर्ताव है
पिक्चर प्लस के इस विशेषांक में विशिष्ट आलोचकों और वरिष्ठ पत्रकारों ने दिलीप साहब की कला और जहीन शख्सियत के ऐसे पहलुओं को उभारा है
आजकल अपशब्दों का प्रयोग उच्च अधिकारियों और नेताओं से सुनने को मिल रहा है जिनसे सुसंस्कृत व्यवहार की उम्मीद की जाती है। क्या बदलते परिवेश में इसे ‘न्यू नार्मल’ समझकर स्वीकार किया जा सकता है?
‘महाभारत’ के अनुसार “राजा कालस्य कारणम्” अर्थात् शासक ही काल यानी परिस्थितियों का निर्माण करता है
मुशर्रफ के विरोधाभासी गुण अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में भी उतनी ही शिद्दत से जाहिर हुए