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मैगज़ीन डिटेल

जीवन-यापन

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जमीन अधिग्रहण मामले में ‘सांप-छछूंदर का खेल’

उद्योगों के लिए जमीन ली गई मगर कई प्रोजेक्ट पर सालों बाद अब तक एक ईंट भी नहीं रखी गई है

कांग्रेस के बिखराव से उम्मीद संजोती भाजपा

यदि चुनाव में दो ही दल हों और एक में कलह हो तो दूसरे दल को इसी असंतोष से आस बंधती है, मध्य प्रदेश में भी यही हालात हैं मध्य प्रदेश में तेरह साल से सत्ता की चाशनी में डूबी भाजपा पर 2018 के विधानसभा चुनावों की चिंता हावी होने लगी है। शिवराज को वहम हो गया है कि प्रदेश में भाजपा का जादू उन्हीं के बूते चल रहा है।

जेल की खुली पोल मुठभेड़ पर झोल

मध्य प्रदेश में सिमी के 8 आतंकियों की पुलिस मुठभेड़ में मौत के बाद सियासत गर्म है, इससे राज्य की पुलिस-व्यवस्था पर सवाल उठे हैं

गठबंधन में कड़वाहट

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के कई फैसलों को लेकर हो रही तकरार

जीएसटी से बंधी मप्र की उम्मीदें

हालांकि निवेशक सम्मेलन में बाबा रामदेव ने सरकार पर तंज कसा

अब सुलगी धर्मांतरण की चिंगारी

यह संवेदनशील मुद्दा भाजपा के जनाधार को प्रभावित करेगा

राजनीतिक स्थिरता से विकसित होता गढ़

राज्य के स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री रमन सिंह की जमकर की तारीफ

मेरा काम और राजनीतिक भविष्य दांव परः अखिलेश यादव

23 अक्टूबर- रविवार, राजनीतिक तूफान जैसी गतिविधियों में उलझी उत्तर प्रदेश की राजधानी। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की प्रदेश के विधायकों एवं विधान परिषद के सदस्यों के साथ बैठक, दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी और परिवार के प्रमुख मुलायम सिंह यादव के निवास पर हाल के निष्कासित मंत्री और अन्य वरिष्ठ नेताओं का विचार-विमर्श। ऐसी गहमागहमी के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हिंदी आउटलुक के लिए दो दिन पहले से निर्धारित कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं किया। इसके विपरीत समय से थोड़ा पहले ही शाम चार बजे निश्चित भाव से अपने कक्ष में उ.प्र. की ताजा राजनीतिक स्थिति, प्रदेश और जनता के लिए बनी प्राथमिकताओं, भाजपा तथा केंद्र सरकार से मिल रही चुनौतियों-कठिनाइयों, आगामी विधानसभा चुनाव के प्रमुख मुद्दों पर लगभग डेढ़ घंटे बातचीत की। उथल-पुथल के माहौल में अखिलेश यादव का आत्मविश्वास, उ.प्र. के विकास के लिए हर संभव प्रयास, विरोधियों के हमलों के बावजूद उत्तेजित हुए बिना शालीन उत्तर एवं भावी लक्ष्यों के लिए दृढ़ संकल्प देखने का सुखद अनुभव हमें हुआ। हिंदी आउटलुक के लिए आलोक मेहता और अमितांशु पाठक से हुई लंबी बातचीत के प्रमुख अंश:

सुनहरे दिनों की आहट

पाकिस्तान को हराने से हमें संतोष मिलता है पर सुनहरे दिन लाने के लिए नीदरलैंड, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया जैसी शक्तिशाली टीमों को हराना होगा

इश्क का वजूद 10 किलो

बॉलीवुड के चर्चित डायरेक्टर जो हमारी एक फिल्मी महिला मित्र के करीबी हैं यानी मिस्टर एके को तीसरी बार इश्क क्या हुआ, वैसे भी उनके नाम में ही ऐसा राग है, तो उन्हें तो हरदम प्यार के सागर में ही सरोबार रहना पड़ता है। वैसे प्यार तो हमें भी कई बार होता है, प्यार के मामले में तो हम आजकल यूपी की कमान संभाल रहे बब्बर साहब को अपना गुरु मानते हैं। उनका वह गीत ‘न उम्र की सीमा हो, न जन्म का हो बंधन’ हमें हमेशा उत्साहित करता रहता है।

रोशन पर्व के विरह गीत

दीवाली के गीत हिंदी फिल्मों में कम हैं। होली की अपेक्षा तो बहुत ही कम। और जहां होली के गीतों के परिदृश्य में अक्सर उत्सवधर्मिता रहती है और उल्लासित वातावरण रहता है, वहीं दीवाली के दृश्य की उज्जवल पृष्ठभूमि में कई गीत कॉन्टेक्ट की तरह वैयक्तिक दुख और विषाद के गीत बन कर उभरते हैं।

पाकिस्तान जासूसी कांड में मीडिया पर भी नजर

पत्रकारों के एक क्लब के कुछ सदस्यों की गतिविधियां संदिग्ध रही हैं

‘उत्तर’ के फैसले से बनेगा नया राष्ट्रपति

राष्ट्रपति चुनाव के लिए यूपी के नतीजे अहम होने वाले हैं, भाजपा की पसंद को रोकने के लिए विपक्ष कोई सर्वमान्य नाम सामने ला सकता है

उप्र कटेगा तो वोट सब में बटेगा

जनता या विकास के लिए नहीं नेता नए क्षेत्र, नए वोट बैंक के लिए करते हैं बंटवारे की हिमायत

तालीम की चाबी से ही खुलेंगे तरक्की के ताले

मुस्लिम लड़कियों को या तो तालीम से महरूम रखा जाता है या उच्च शिक्षा से पहले हटा लिया जाता है

अब कौन खींचेगा टाटा की गाड़ी

साइरस मिस्त्री की ‘विदाई’ के बाद नए प्रमुख की तलाश में जुटा टाटा समूह। हालांकि खोज आसान नहीं होगी

विभूतियों को सम्मान

अखिलेश ने 73 हस्तियों को दिया प्रदेश का सर्वोच्च पुरस्कार

ग्रह तो हिलेरी के पक्ष में

व्हाइट हाउस की दौड़ में बहस के बीच हिलेरी के सितारे मजबूत

दंगल से मंगल की कामना

अकसर बातचीत में तुरुप के पत्ते की मिसाल देने वाले अखिलेश तो दरअसल मिट्टी के अखाड़े के पहलवान निकले। साढ़े चार साल तक विरोधियों के तमाम वार सहने के बाद उन्होंने पलट कर ऐसा दांव मारा कि मूंछों पर ताव देने वाले पहलवानों में उनके विकास रथ के पीछे खड़े होने की होड़ लग गई है।

परिवार और पार्टी से मिली अखिलेश को निराशा

उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा प्रदेश है। वह देश की राजनीति की दिशा तय करता है। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण ही है कि देश के सबसे पिछड़े प्रदेशों में भी उत्तर प्रदेश का नाम लिया जाता है। जब देश में 1951 में योजना का काम शुरू हुआ था तो उस समय उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत के बराबर थी। आज देखा जाए तो बिहार और उड़ीसा जैसे पिछड़े प्रदेशों की प्रति व्यक्ति आय से इसकी तुलना की जाती है। अभी-अभी भारत सरकार के जो आंकड़े आए हैं, उसमें उत्तर प्रदेश और नीचे 16वें स्थान पर पंहुच गया है।

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